182 वां जन्मदिवस: भारतीय उद्योग के जनक जमशेटजी टाटा के बारे में जानें कुछ रोचक तथ्य

मनोज टिबड़ेवाल आकाश

सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के तमाम देशों की तरक्की में अहम योगदान देने वाली टाटा कंपनी के जनक जमशेटजी टाटा का बुधवार यानि तीन मार्च को 182 वां जन्म दिवस है। इस खास अवसर पर डाइनामाइट न्यूज़ आपको बता रहा है भारत के महान उद्योगपति और विश्वप्रसिद्ध औद्योगिक घराने टाटा समूह के संस्थापक जमशेटजी टाटा के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

जमशेटजी टाटा  (फाइल फोटो)
जमशेटजी टाटा (फाइल फोटो)


मुंबई: भारत के महान उद्योगपति और विश्वप्रसिद्ध औद्योगिक घराने टाटा समूह के संस्थापक जमशेटजी टाटा का जन्म सन् 1839 में गुजरात के एक छोटे से कस्बे नवसारी में हुआ था। 
डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़ें उनके जीवन के कुछ अनछुए पहलू: 

1. उनके पिता जी का नाम नौशेरवांजी व उनकी माता जी का नाम जीवनबाई टाटा था। 

2. पारसी पादरियों के अपने खानदान में नौशेरवांजी पहले व्यवसायी थे लेकिन भाग्य उन्हें बम्बई ले आया, जहाँ उन्होंने व्यवसाय में हाथ आजमाया।

3. जमशेटजी 14 साल की छोटी उम्र में वे अपने पिता का साथ देने लगे। 

4. जमशेटजी ने एल्फिंस्टन कॉलेज में प्रवेश लिया और अपनी पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने हीरा बाई दबू से विवाह कर लिया था। 

5. वे 1858 में स्नातक हुए और अपने पिता के व्यवसाय से पूरी तरह जुड़ गये।

6.  कहा जाता है 1868 में उन्होंने 21000 रुपयों के साथ अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया। 

7. तब उन्होंने एक दिवालिया तेल कारखाना ख़रीदा और उसे एक रुई के कारखाने में तब्दील कर, उसका नाम बदल कर रखा एलेक्जेंडर मिल और दो साल बाद ही उन्होंने इसे मुनाफ़े के साथ बेच दिया। इस पैसे से उन्होंने नागपुर में 1874 में एक रुई का कारखाना लगाया। इसके बाद कभी भी जमशेटजी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

8. जमशेटजी एक अलग ही व्यक्तित्व के मालिक थे। उन्होंने न केवल कपड़ा बनाने के नये-नये तरीक़े ही अपनाये बल्कि अपने कारखाने में काम करनेवाले श्रमिकों का भी खूब ध्यान रखा। उनके भले के लिए जमशेदजी ने अनेक नयी व बेहतर श्रम-नीतियाँ अपनाईं। 

9. जमशेटजी के अनेक राष्ट्रवादी और क्रान्तिकारी नेताओं से नजदीकी सम्बन्ध थे, इनमें प्रमुख थे, दादाभाई नौरोजी और फिरोजशाह मेहता। जमशेदजी पर और उनकी सोंच पर इनका काफी प्रभाव था।

10. होटल ताजमहल की स्थापना उन्होंने 1903 में 4 करोड़ 21 लाख रुपये की लागत से की। इसमें उन्होंने अपनी राष्ट्रवादी सोच को आगे बढ़ाया। तब के जमाने में भारतीयों को बेहतरीन यूरोपियन होटलों में घुसने नही दिया जाता था। ताजमहल होटल की स्थापना इसी दमनकारी नीति का करारा जवाब थी।

अपनों के बीच जमशेटजी टाटा (फाइल फोटो)

11. जमशेटजी टाटा के बारे में कहा जाता है वे एक ऐसे भारतीय उद्योगपति थे, जिसने देश से जितना लिया, उससे कहीं ज्यादा लौटाया। 

12. जमशेटजी ने भारत स्थित अपने कारखानों में मजदूरों के लिए कल्याण कार्यक्रम तब लागू कर दिए थे, जब इंग्लैंड में उनके बारे में सोचा ही जा रहा था।

13. आज टाटा संस का साम्राज्य नमक से लेकर चाय तक, स्टील से लेकर कार-ट्रकों तक और वित्त से लेकर सॉफ्टवेयर तक हर कहीं नज़र आता है। तभी तो यह कहा जाता है, ‘टाटा समूह किसी न किसी रूप में हर भारतीय की जिंदगी का आज हिस्सा है’ 

14. कल्याणकारी कामों और देश को एक बड़ी ताकत बनाने के विजन में वह काफी आगे थे। बेंगलुरू में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस की स्थापना के लिए उन्होंने अपनी आधी से अधिक संपत्ति जिनमें 14 बिल्डिंगें और मुंबई की चार संपत्तियां थीं, दान दे दीं।

15. 1904 में जर्मनी में उन्होंने अपनी अन्तिम साँस ली।