हमारे बारे में
डाइनामाइट न्यूज़, देश की राजधानी – नई दिल्ली से चलने वाला यूपी की ख़बरों का सबसे बड़ा न्यूज़ पोर्टल है। यहां आपको उत्तर प्रदेश की हर एक छोटी-बड़ी खबर, निष्पक्ष रूप से सबसे पहले मिलेगी। नौकरशाही से जुड़ी हर एक ख़बर हम सबसे पहले आप तक पहुंचाते हैं। आप यहां राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय, राजनीति, व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा, जीवन शैली, खेल और मनोरंजन से जुड़ी खबरें पढ़ सकते हैं। देश के युवा पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने 2015 में डाइनामाइट न्यूज़ मीडिया समूह की स्थापना की। डाइनामाइट न्यूज़ की सबसे बड़ी ताकत इसकी कर्मठ संपादकीय टीम, तेज-तर्रार संवाददाता और आम जनता का भरोसा है। हमारा आदर्श वाक्य है: तेज, निष्पक्ष और निर्भीक।
हमारी टीम
मनोज टिबड़ेवाल आकाश
डाइनामाइट न्यूज़ के संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ, देश के जाने-माने युवा पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश हैं। इन्हें प्रिंट, टेलीविज़न और डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में दो दशकों का अनुभव है। इन्होंने अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत इंडिया टूडे से की थी। इसके बाद ये दि इंडियन एक्सप्रेस समूह से जुड़े। फिर भारत के पब्लिक ब्रॉडकास्टर — दूरदर्शन न्यूज से दस साल (2006 से 2015) तक लगातार प्राइम टाइम टेलीविजन न्यूज़ एंकर और वरिष्ठ संवाददाता के रूप में जुड़े रहे। इन्होंने 5 साल (2010-2015) तक लगातार देश के बेहद लोकप्रिय टॉक शो — एक मुलाक़ात — को डीडी न्यूज़ पर बतौर एंकर होस्ट किया। यह टॉक शो अब डाइनामाइट न्यूज़ पर जारी है। इसमें मनोज देश के विभिन्न क्षेत्रों की जानी-मानी हस्तियों का हर शनिवार को साक्षात्कार करते हैं। अगस्त 2015 में इन्होंने दूरदर्शन न्यूज़ से इस्तीफा दे दिया और 16 अक्टूबर 2015 को डाइनामाइट न्यूज़ मीडिया समूह की स्थापना की।
बोर्ड ऑफ एडवाइजर्स
एसके रुंगटा
एसके रूंगटा, देश की सबसे बड़ी सरकारी इस्पात कंपनी, स्टील अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के पांच साल तक (2006-2010) तक चेयरमैन रहे हैं। ये बिट्स, पिलानी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं। इन्होंने आईआईएफटी, नई दिल्ली से मैनेजमेंट (इंटरनेशनल ट्रेड) में पीजी डिप्लोमा किया है। देश के आर्थिक मामलों पर इनकी जबरदस्त पकड़ है। औद्योगिक क्षेत्र का इन्हें 45 साल लंबा तजुर्बा है। इन्हें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के द्वारा स्कोप सहित देश के अनगिनत पुरस्कार मिल चुके हैं। रूंगटा वर्तमान में वेदांता समूह की दो प्रमुख कंपनियों भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (BALCO) और तलवंडी सबो पावर लिमिटेड (TSPL) के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष हैं।
अरुण भटनागर
अरुण भटनागर, प्रसार भारती बोर्ड के पूर्व चेयरमैन हैं। ये 1966 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अफसर हैं। सेंट स्टीफंस कालेज, दिल्ली से इकोनामिक्स ग्रेजुएट, भटनागर ने मध्य प्रदेश सरकार और भारत सरकार के विभिन्न विभागों में काम किया है। इनके पास 5 दशक लंबा प्रशासनिक अनुभव है। ये भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय में सचिव रह चुके हैं। ये राष्ट्रपति डा. शंकर दयाल शर्मा के संयुक्त सचिव भी रह चुके हैं। इन्होंने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में मंत्री (आर्थिक) के रुप में भी कार्य किया। ये भारत के प्रख्यात वैज्ञानिक, सर शांति स्वरुप भटनागर, FSR, के ग्रैंड सन हैं।
राम यश सिंह
राम यश सिंह, 1985 बैच के बिहार कैडर के तेज-तर्रार आईपीएस अफसर हैं। ये बिहार राज्य के जाने माने आईपीएस अधिकारी हैं। जैन कालेज, आरा से बीएससी की पढ़ाई करने वाले सिंह, बिहार के पश्चिमी चम्पारण (बेतिया), पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) और जहानाबाद जैसे चुनौतीपूर्ण जिलों में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में काम कर चुके हैं। भारतीय पुलिस सेवा से रिटायर होने के बाद ये पटना हाई कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में वकालत के क्षेत्र में सक्रिय हैं।
सुशील कुमार टिबड़ेवाल
सुशील कुमार टिबड़ेवाल एक अनुभवी, समर्पित सामाजिक और नैतिक योगदानकर्ता हैं जो लोगों के नागरिक कल्याण की देखभाल के साथ-साथ, उनकी धार्मिक और पौराणिक आवश्यकताओं को भी पूरा करते हैं। वह यूपी सरकार में मंत्री के दर्जे के साथ उत्तर प्रदेश आवास और विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे हैं। इनका जन्म 1 मार्च 1957 को यूपी के महराजगंज जिले के सिसवा बाजार कस्बे में हुआ। इनके माता-पिता परमावती देवी-पीतराम टिबड़ेवाल प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता रहे हैं। यह परिवार मूलरुप से राजस्थान के झुंझनू जिले का निवासी है। सुशील टिबड़ेवाल ने 24 मार्च 1979 को महराजगंज जिले में एक भव्य श्री दुर्गा मंदिर की स्थापना की, जो इस जनपद का गौरव माना जाता है। इन्होंने अपने सामाजिक सफर में कई महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया है। वह महराजगंज जिले में केंद्रीय उपभोक्ता सहकारी भंडार लिमिटेड के अध्यक्ष भी रहे हैं। इसके अलावा भारत सरकार की तरफ से उत्तर क्षेत्र की नागरिक उड्डयन समिति; उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल की रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति (डीआरयूसीसी); और टेलीफोन सलाहकार समिति (टीएसी), गोरखपुर के सदस्य भी रहे हैं।