बेंगलुरु-मैसुरु एक्सप्रेस-वे पर करीब चार महीने में 100 लोगों की मौत: परमेश्वर

डीएन ब्यूरो

कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने मंगलवार को कहा कि नवनिर्मित बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस-वे पर मार्च में उद्घाटन के बाद से अब तक कुल 308 दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 100 व्यक्तियों ने जान गंवाई और 335 घायल हुए।

एक्सप्रेस-वे (फाइल)
एक्सप्रेस-वे (फाइल)


बेंगलुरु: कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने मंगलवार को कहा कि नवनिर्मित बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस-वे पर मार्च में उद्घाटन के बाद से अब तक कुल 308 दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 100 व्यक्तियों ने जान गंवाई और 335 घायल हुए।

परमेश्वर ने कहा कि लोक निर्माण विभाग मंत्री सतीश जारकीहोली पहले ही राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को परियोजना में कमियों और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाने के बारे में पत्र लिख चुके हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि गृह विभाग भी संकेतकों की कमी जैसे मुद्दों के बारे में उसे पत्र लिखेगा तथा मार्ग पर तेज गति को नियंत्रित करने के लिए उपाय करेगा।

मंत्री बेंगलुरु-मैसूरु एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि के संबंध में एक सवाल का जवाब दे रहे थे। परमेश्वर ने कहा, ‘‘यदि आप बेंगलुरु-मैसूरु एक्सप्रेस हाईवे को देखें तो उसमें बहुत सारी कमियां हैं। मोड़, संकरे लेन को इंगित करने के लिए कोई संकेतक नहीं हैं। इसके परिणामस्वरूप तेज गति से वाहन चलाने की समस्या सामने आयी है, चूंकि सड़क अच्छी है इसलिए वाहन चालक उसी गति से मोड़ों पर वाहन चलाने की कोशिश करते हैं, जिससे दुर्घटनाएं और मौतें होती हैं।’’

उन्होंने बताया कि उद्घाटन के तुरंत बाद मार्च में 62 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 20 लोगों की मौत हुईं और 63 अन्य घायल हुए जबकि अप्रैल में 75 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 23 लोगों की मौत हुई और 83 अन्य घायल हो गए। मंत्री ने कहा कि मई में 94 दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 29 मौतें हुईं और 93 घायल हुए और जून में 77 दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 28 मौतें हुईं और 96 घायल हुए।

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परमेश्वर ने कहा, ‘‘मार्च से जून तक इस मार्ग पर कुल 308 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 100 मौतें हुईं हैं और 335 घायल हुए हैं।’’ उन्होंने कहा कि अगर चीजों को तुरंत ठीक नहीं किया गया, तो और अधिक लोग अपनी जान गंवा सकते हैं।

परमेश्वर ने कहा कि उनकी हाल की मैसूरु दौरे के दौरान, कई लोगों ने उन्हें हो रही मौतों के बारे में सूचित किया और उनसे कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उनके निर्देशों के अनुसार, एडीजीपी यातायात ने हाल ही में रामनगर और मांड्या जिले में एक्सप्रेस-वे पर स्थित स्थानों का निरीक्षण किया और उन्होंने कुछ जानकारी दी है।

एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए किए जा रहे उपायों पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि चीजों को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों को इन्हें लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

उपायों को सूचीबद्ध करते हुए परमेश्वर ने कहा, ‘‘एक्सप्रेस-वे पर गश्ती वाहनों को बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। यदि गश्ती वाहनों को हर 30 से 35 किलोमीटर पर तैनात किया जाता है, तो वे तेज गति से चलने वालों पर नजर रख सकते हैं और उन्हें नियंत्रित कर सकते हैं, और वे यह भी सुनिश्चित कर सकते हैं कि वाहन सड़क के किनारे नहीं खड़े हों।’’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च को 118 किलोमीटर लंबे बेंगलुरु-मैसूरु एक्सप्रेस-वे परियोजना का उद्घाटन किया था।

 










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