10th Board Exam: टैलर के बेटे और मिस्त्री की बेटी ने लिखी सफलता की अनोखी कहानी, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
मध्यप्रदेश में बृहस्पतिवार को घोषित 10वीं की बोर्ड परीक्षा के परिणामों में अभाव के साये में पली-बढ़ी प्रतिभाओं का डंका बजा है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
इंदौर: मध्यप्रदेश में बृहस्पतिवार को घोषित 10वीं की बोर्ड परीक्षा के परिणामों में अभाव के साये में पली-बढ़ी प्रतिभाओं का डंका बजा है। इस परीक्षा में कुल 500 में से 494 अंक हासिल कर शीर्ष स्थान पर रहे इंदौर के मृदुल पाल की मां कपड़े सिलने का काम करती हैं, तो दूसरे स्थान पर रहीं प्राची गड़वाल (493/500) के पिता मोटर मिस्त्री के रूप में गैराज में पसीना बहाते हैं।
मृदुल पाल के पिता एक स्थानीय क्लब के स्वीमिंग पूल के प्रभारी हैं, जबकि उनकी मां कपड़े सिलकर परिवार का पेट पालने में मदद करती हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, शहर के एक निजी विद्यालय के छात्र मृदुल फिलहाल लखनऊ में अपने मौसी के घर छुट्टियां बिता रहे हैं। मृदुल ने फोन पर ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया,‘‘मुझे पूरा भरोसा था कि मैं राज्यस्तरीय मेधावियों की सूची में जगह बनाऊंगा, लेकिन मुझे इसमें प्रथम स्थान हासिल करने की उम्मीद नहीं थी। मैंने खुद रणनीति बनाकर पढ़ाई की थी और मैं किसी कोचिंग क्लास में नहीं गया था।’’
उन्होंने बताया कि गणित उनका पसंदीदा विषय है और वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं।
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मृदुल की उपलब्धि के बारे में बताते वक्त उनकी मां उर्मिला की आंखों में खुशी के आंसू थे। उन्होंने बताया,'मैं कपड़े सिलने का काम करती हूं। मेरा भगवान ही जानता है कि मृदुल की परवरिश के लिए हमने किस कदर संघर्ष किया। मेरा बेटा नर्सरी से लेकर अब तक की सभी परीक्षाओं में प्रथम आता रहा है।’’
इंदौर की प्राची गड़वाल ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा में कुल 500 में से 493 अंक प्राप्त कर दूसरा स्थान प्राप्त किया और वह शीर्ष स्थान हासिल करने से केवल एक अंक से चूक गईं।
प्राची, शहर के एक निजी विद्यालय में पढ़ती हैं और मेधावियों की सूची में जगह बनाने पर उनके विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने फूलमालाएं पहनाकर उन्हें शुभेच्छाएं दीं।
प्राची ने बताया,‘‘मैं हर रोज छह से आठ घंटे पढ़ती थी। हालांकि, मेरा मानना यह है कि भले ही हम कम वक्त के लिए पढ़ाई करें, लेकिन हमें पूरा ध्यान लगाकर पढ़ना चाहिए।’’
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उन्होंने बताया कि वह इंस्टाग्राम व फेसबुक सरीखे सोशल मीडिया मंचों पर नहीं हैं और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में दाखिला लेने के लिए अभी से संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी कर रही हैं।
प्राची के पिता हुकुमचंद गड़वाल ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं और मोटर मिस्त्री का काम करते हैं। हुकुमचंद ने रुंधे गले से कहा, ‘‘मुझे बड़ी खुशी हो रही है कि एक मोटर गैराज में काम करने वाले मुझ जैसे व्यक्ति की बेटी इस बड़े मुकाम पर पहुंच गई है।’’