Uttar Pradesh: बलरामपुर में 17 साल पुराने दंगे में दो पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष समेत 41 दोषी, भेजे गये जेल, जानिये पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जनपद में वर्ष 2005 में हुए संप्रदायिक दंगे में न्यायालय ने 41 लोगों को दोषी करार दिया जबकि 18 आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
बलरामपुर: जिले के उतरौला क्षेत्र में 26 मार्च 2005 को हुए सांप्रदायिक दंगे व आगजनी के मामले में बलरामपुर न्यायालय ने दो पूर्व नगर पालिका अध्यक्षों समेत 41 लोगों को मामले में दोषी करार दिया जबकि 18 को दोषमुक्त कर दिया गया। दोषी करार दिये जाने के वक्त 41 में से 36 अभियुक्त अदालत हाजिर रहे, हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है।
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न्यायालय ने इस मामले में फिलहाल फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामले में 31 अक्टूबर 2022 को न्यायालय द्वारा सजा सुनाई जाएगी।
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बलरामपुर पुलिस अधीक्षक राजेश सक्सेना के मुताबिक 26 मार्च 2005 को उतरौला क्षेत्र में होली के जुलूस निकलने के दौरान सांप्रदायिक हिंसा और आगजनी हुई थी। मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष द्वारा दोनों पक्षों पर 147 148, 149, 307, 427, 336, 436, 353 व 395 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। पूरे मामले में पुलिस द्वारा 65 अभियुक्तों को नामित करते हुए चार्जशीट न्यायालय पर फाइल की गई थी।
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17 साल बाद एडीजे कोर्ट द्वारा मामले में 41 लोगों को दोषी पाया गया, है जिनमें 36 अभियुक्त हाज़िर अदालत आए हुए थे, जिन्हें न्यायालय के आदेश पर गिरफ्तार कर जेल रवाना कर दिया गया है।
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जेल भेजे गए अभियुक्तों में उतरौला के दो पूर्व नगर पालिक चेयरमैन अमरनाथ गुप्ता और अनूप गुप्ता भी शामिल हैं।
वर्ष 2005 में होली जुलूस के दौरान उतरौला नगर में संप्रदायिक दंगा हुआ था। दंगाइयों ने दुकानों और घरों में आग लगा दी थी और लूटपाट भी की थी। हालात इतने बिगड़ गए थे कि पुलिस को शांति व्यवस्था बनाने के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा था। कोतवाली उतरौला पुलिस की तहरीर पर दोनों पक्षों के 64 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी।