बलूचिस्तान में प्रतिबंधित संगठनों के 434 आतंकवादियों ने छोड़े हथियार, किया आत्मसमर्पण
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में शुक्रवार को करीब 434 विद्रोहियों ने सरेंडर किया। पिछले कुछ सालों में ये पहला मौका है जब इस प्रांत में इतने सारे विद्रोहियों ने एक साथ हथियार डाले हैं।
क्वेटा: पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों के 434 आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। संकटग्रस्त प्रांत में सुरक्षा प्रतिष्ठानों और कर्मियों पर कथित रूप से हमला करने वाले बलूच रिपब्लिकन आर्मी (बीआरए), बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और अन्य अलगाववादी समूहों के आतंकवादियों ने शुक्रवार को यहां प्राधिकारियों को अपने हथियार सौंपे।
सरेंडर करने वाले सभी विद्रोही पाक सेना और कैम्पों पर हुए हमले में शामिल रह चुके हैं। ये विद्रोही बलोच रिपब्लिकन आर्मी, बलोच लिबरेशन आर्मी और अन्य कई छोटे प्रतिबंधित संगठन के हैं।
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दक्षिणी कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल अमीर रियाज ने विद्रोहियों के सरेंडर पर कहा कि वे विद्रोही जो साधारण जीवन जीना चाहते हैं आत्मसमर्पण करने के बाद ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा, कोई भी जो अपने हथियार छोड़ना चाहता है उसका स्वागत है।
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सानाउल्लाह जहीर ने आरोप लगाया कि लंबे समय तक विदेशी एजेंसियों ने अशांति फैलाने के लिए निर्दोष लोगों का इस्तेमाल किया था। वहीं प्रतिबंधित बीएलए के प्रमुख कमांडर शेर मोहम्मद ने कहा कि वे पाकिस्तान विरोधी तत्वों द्वारा धोखा दिया गया है।
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बलूचिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक करीब 1500 चरमपंथी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान और ईरान से लगने वाले बलूचिस्तान के बॉर्डर का उपयोग प्रांत के लोगों को भड़काने और देश विरोधी काम करवाने में किया जाता है।