तमिलनाडु में परिवहन संघों की हड़ताल के बीच 80 प्रतिशत बसों का संचालन
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) से जुड़े संघों के हड़ताल के आह्वान के बीच मंगलवार को तमिलनाडु में लगभग 80 प्रतिशत बसों की संचालन किया जा रहा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
चेन्नई: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) से जुड़े संघों के हड़ताल के आह्वान के बीच मंगलवार को तमिलनाडु में लगभग 80 प्रतिशत बसों की संचालन किया जा रहा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि चेन्नई, मदुरै, कोयंबटूर और कन्याकुमारी जिलों सहित कई हिस्सों में राज्य सरकार की बसों का संचालन किया गया जिससे यात्रियों को आवाजाही में सुविधा हुई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चेन्नई में मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एमटीसी) के अधिकारियों ने सुनिश्चित किया कि बसों का सामान्य रूप से संचालन हो और हड़ताल से यात्रियों पर ज्यादा असर न पड़े।
एक वरिष्ठ परिवहन अधिकारी ने कहा,'एमटीसी की बसों का निर्धारित समय सुबह छह बजे से संचालन किया जा रहा है और यात्रियों से अनुरोध है कि वे घबराएं नहीं।''
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उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 80 प्रतिशत बसें चलाई जा रही हैं।
व्यापार संघों ने 'छह सूत्रीय मांगों के घोषणापत्र' को लागू करने की मांग को लेकर इस हड़ताल की घोषणा की जिसमें वेतन वृद्धि (15वां वेतन संशोधन समझौता) के लिए बातचीत शुरू करना, रिक्त पदों को भरना और सेवारत एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए लंबित महंगाई भत्ता जारी करना शामिल है।
परिवहन मंत्री एस. एस. शिवशंकर ने पहले कहा था कि वित्तीय स्थिति में सुधार होने पर मांगों को उचित समय पर पूरा किया जाएगा।
सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम से संबद्ध व्यापार संघ लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) इस हड़ताल का हिस्सा नहीं है।
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हड़ताल में भाग लेने वालों में मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक के अन्ना थोझिरसंगा पेरावई (एटीपी) और सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) शामिल हैं।