पुनर्विकास कार्य के दौरान पटना संग्रहालय का 95 वर्ष पुराना द्वार क्षतिग्रस्त, लोगों में रोष
पटना संग्रहालय के दो प्राचीन द्वारों में से एक द्वार पुनर्विकास कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया, जिसके कारण लोगों में रोष है।
पटना: पटना संग्रहालय के दो प्राचीन द्वारों में से एक द्वार पुनर्विकास कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया, जिसके कारण लोगों में रोष है।
बिहार की राजधानी पटना में अंग्रेजों के जमाने का यह संग्रहालय 1928 में बन कर तैयार हुआ था और इसमें दो द्वार थे... ‘प्रवेश द्वार’ और ‘निकासी द्वार’।
पुराने पटना गया मार्ग पर स्थित संग्रहालय की इमारत के पुनर्विकास तथा विस्तार का कार्य चल रहा है, जिसकी शुरुआत अगस्त 2020 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी। इसी निर्माण कार्य के दौरान ‘निकासी द्वार’ क्षतिग्रस्त हो गया।
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संग्रहालय के सुरक्षाकर्मियों ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया, ‘‘ इस द्वार से दिन रात ट्रक कच्चा माल लेकर आ जा रहे हैं। आशंका है कि ऐसे ही किसी ट्रक से टकरा कर द्वार क्षतिग्रस्त हुआ हो।’’
द्वार के बाएं हिस्से को काफी नुकसान हुआ और द्वार के ऊपर का गुंबद अपने स्थान से हट गया है। ‘पीटीआई-भाषा’ ने अप्रैल की शुरुआत में जब इस संग्रहालय में परियोजना स्थल को देखा था, तो यह गुंबद जमीन पर पड़ा था और कुछ दिन पहले जब दोबारा इस स्थान का दौरा किया गया तो यह गुंबद मिट्टी के ढेर में लगभग दबा पड़ा था।
यह पूछे जाने पर कि द्वार का ऐसा हाल कब से है, सुरक्षाकर्मी ने कहा, ‘‘कई माह से यही हाल है।’’
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पटना संग्रहालय के एक वरिष्ठ अधिकारी से द्वार को हुई क्षति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ हम मामले को देखेंगे।’’
पुनर्विकास परियोजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘निर्माण का काफी कार्य हो गया है और धीरे-धीरे यह पूरा होने की राह पर है। इसके बाद गैलरी बनाने का काम शुरू किया जाएगा।’’
शहर में प्राचीन धरोहरों के प्रेमियों में द्वार को नुकसान पहुंचने को लेकर रोष है, उन्होंने अधिकारियों से इसके संरक्षण और पुराने रूप में बहाल करने की मांग की है।