सोशल मीडिया पर सरकारी नीतियों की आलोचना के लिए जम्मू कश्मीर के कर्मियों पर होगी कार्रवाई
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अपने कर्मचारियों को सरकार की किसी नीति या कार्रवाई की आलोचना करने वाली कोई भी सामग्री सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए सेवा से बर्खास्त करने समेत सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है।
जम्मू कश्मीर: प्रशासन ने अपने कर्मचारियों को सरकार की किसी नीति या कार्रवाई की आलोचना करने वाली कोई भी सामग्री सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए सेवा से बर्खास्त करने समेत सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है।
सामान्य प्रशासन विभाग के आयुक्त सचिव संजीव वर्मा द्वारा शुक्रवार को जारी एक परिपत्र में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर कर्मचारी आचरण नियम, 1971 में ताजा प्रावधान लागू किए गए हैं जिसमें कर्मचारियों द्वारा सोशल मीडिया पर राजनीतिक या सरकारी नीतियों पर टिप्पणियां करने से रोक लगायी गयी है।
नए दिशा निर्देशों के अनुसार, कोई भी कर्मचारी किसी पोस्ट, ट्वीट या किसी अन्य तरीके से सरकार की किसी नीति या कार्रवाई के बारे में सोशल मीडिया पर कोई चर्चा या उसकी आलोचना नहीं करेगा। साथ ही वह किसी भी तरीके से सोशल मीडिया समुदायों या माइक्रो-ब्लॉग्स पर ऐसी किसी चर्चा या आलोचना में भाग नहीं लेगा।
केंद्र शासित प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर दिशा निर्देशों में कहा गया है, ‘‘कोई भी कर्मचारी ऐसी पोस्ट, ट्वीट या सामग्री पोस्ट नहीं करेगा जो राजनीतिक या धर्मनिरपेक्ष विरोधी हो और साम्प्रदायिक प्रकृति की हो या ऐसी प्रकृति वाले पेज या ट्विटर हैंडल या ब्लॉग सब्सक्राइब नहीं करेगा।’’
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परिपत्र में कहा गया है कि ऐसा देखा गया है कि सरकारी कर्मचारी अक्सर सोशल मीडिया पर ऐसी गतिविधियों का हिस्सा होते हैं जो इन नियमों के विपरीत है।
इसमें कहा गया है, ‘‘फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम या मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप, टेलीग्राम जैसे विभिन्न सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल करते हुए कर्मचारियों को ऐसे विषयों पर अपमानजनक टिप्पणियां करते हुए देखा गया है जिन पर इन नियमों के तहत टिप्पणी करना प्रतिबंधित है।’’
आदेश में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर सरकारी कर्मचारी (आचरण) नियम, 1971 के अनुसार, ‘‘ये नियम जम्मू कश्मीर प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों पर लागू हैं और इन पर ऐसे आचरण पर जानकारियां दी गयी है जिनकी कर्मचारियों से उनके निजी तथा पेशेवर जिंदगी में अपेक्षा की जाती है।’’
परिपत्र में इन नियमों का उल्लंघन करने पर एक महीने तक के वेतन जितना जुर्माना लगाने, वेतन वृद्धि या पदोन्नति पर रोक लगाने तथा निचले पद पर तैनात करने और सेवा से हटाने का प्रावधान है।
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उपराज्यपाल प्रशासन ने सभी प्रशासनिक सचिवों, उपायुक्तों, विभाग प्रमुखों, प्रबंध निदेशकों को अपने विभागों या कार्यालयों में दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ फौरन कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन साल में जम्मू कश्मीर प्रशासन ने आतंकवादियों से संबंध रखने, अलगाववादी नेताओं के रिश्तेदार होने और नौकरी के लिए आवेदन देते वक्त सही जानकारी न देने का हवाला देते हुए कई कर्मचारियों की सेवा समाप्त की है।