मेंटल हेल्थ को लेकर अभिनेता गुलशन देवैया का बड़ा बयान, जानिये क्या कहा
अभिनेता गुलशन देवैया ने बुधवार को कहा कि मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अधिकतर लोगों को जीवन को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकती है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
मुंबई: अभिनेता गुलशन देवैया ने बुधवार को कहा कि मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अधिकतर लोगों को जीवन को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकती है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, देवैया ने अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के उस बयान से असहमति व्यक्त करते हुए यह टिप्पणी की जिसमें उन्होंने अवसाद को शहरों और अमीरों के बीच प्रचलित बीमारी कहा था।
सिलसिलेवार ट्वीट में “दहाड़” अभिनेता ने कहा कि वह सिद्दीकी की मान्यताओं या विचारों पर सवाल नहीं उठाना चाहते थे। यह महत्वपूर्ण है कि मानसिक स्वास्थ्य पर खुले तौर पर चर्चा की जाए, “गलत होने या गलत जानकारी होने के जोखिम के बावजूद”।
देवैया ने ट्विटर पर लिखा, “मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा करना और इसे समझने का प्रयास करना ही विचार है। मैं इस बात से सहमत हूं कि बहुत सारे लोगों के बीच अवसाद के बारे में उनकी राय एक आम विषय है। मैं खुद मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को ठीक से समझने के लिए संघर्ष करता हूं।”
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उन्होंने लिखा, “लेकिन गलत होने या गलत जानकारी रखने के जोखिम पर भी हमें इस बारे में खुलकर बात करने की कोशिश करनी चाहिए। थोड़ी जागरूकता के साथ अधिकतर लोगों इसे प्रबंधित कर सकते हैं।”
बेंगलुरु में पैदा हुए अभिनेता ने कहा, “मेरी परवरिश ग्रामीण इलाकों में नहीं हुई है, लेकिन मेरे परिवार के करीबी सदस्य हैं जो गांवों में पले-बढ़े हैं और बहुत ही समस्याग्रस्त व्यवहार करते हैं क्योंकि उन्होंने अपनी परेशानी पर ठीक से काम नहीं किया और वे इसे दूसरों तक पहुंचाते हैं। हमें इसके प्रति आंख बंद करने या ऐसे मामलों में आंख पर पट्टी बांधे रखने का प्रयास नहीं करना चाहिए।”
एक ऑनलाइन पोर्टल पर साक्षात्कार में सिद्दिकी से पूछा गया कि वह जीवन में सकारात्मकता कहां से लाते हैं?
इसके जवाब में उत्तर प्रदेश के छोटे से कस्बे बुढ़ाना से आने वाले अभिनेता ने कहा, “मैं जहां से आता हूं, अगर मैंने अपने पिता को बताया कि ‘अब्बू मैं अवसाद महसूस कर रहा हूं’, तो वह मुझे थप्पड़ मार देंगे। वह मुझे गाली देंगे और गन्ने के खेत में जाने को कहेंगे। वहां कोई अवसाद में नहीं रहता, सभी खुश रहते हैं।”
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अभिनेता ने कहा था कि उन्हें शहर आने के बाद अवसाद, चिंता जैसे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में पता चला।
सिद्दीकी ने एक नए साक्षात्कार में मानसिक स्वास्थ्य पर अपने विचारों को दुहराया। उन्होंने दलील दी कि वह अपने अनुभव से इसे समझ रहे थे, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वह “गलत हो सकते” हैं।