आखिर किस नजरिया से देखते हैं साहब! न घर के हुए न घाट के, दो राहों के बीच खड़े हैं गबडुआ गाँव के लोग
31 मार्च 2020 के बाद जिले के 28 ग्राम पंचायतों को नगर पालिका व नगर पंचायत में शामिल कर लिया गया है, लेकिन सुविधाओं के मामले में वह गांव आज भी बेहद कंगाल है। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़िये खबर
महराजगंजः नगर पालिका विस्तार में शामिल करीब 28 ग्राम पंचायतों का दर्जा 31 मार्च 2020 के बाद समाप्त कर दिया गया है। लोगों को उम्मीद जगी कि अब इस गांव का चहूंमुखी विकास होगा। मकान भी बनेंगे और रोजगार भी मिलेगा। बिजली की रोशनी से सड़कें व गलियां जगमगा उठेंगी। शहर की हर सुविधाएं मयस्सर होंगी, लेकिन शहर में शामिल होने के बाद भी यहां के लोग न तो घर के हुए और न ही घाट के। दो साल गुजर गए लेकिन नगर पालिका प्रशासन द्वारा कोई भी विकास कार्य नहीं कराया गया और न ही कोई योजना बनाई गई। गदंगी से जाम नालियां, टूटी हुई सड़कें इस वार्डों की पहचान बन गई है।
28 ग्राम पंचायतों का समाप्त हुआ अस्तित्व
परतावल ब्लाक के धनगड़ा, परसा बुजुर्ग, छातीराम ग्राम पंचायत को जहां परतावल नगर पंचायत में शामिल किया गया है। वहीं पनियरा ब्लाक के पनियरा, बड़वार, बसडिला को नगर पंचायत का दर्जा मिला है। जबकि फरेंदा के रतनपुर खुर्द व महदेवा बुजुर्ग को नगर पंचायत में मिला दिया गया है। सिसवा ब्लाक क्षेत्र के कोठीभार, सिसवा बुजुर्ग, सबया, खेसरारी, मेहदिया, भुजौली, पिपरिया, बरवा द्वारिका, बीजापार, बेलपा, गौरी बरवा सालिक ग्राम, सिसवा खुर्द को नगर पालिका परिषद में विस्तार किया गया। वहीं सदर ब्लाक के धनेवा-धनेई, अमरूतिया, तरकुलवा, महुअहवा, पिपरा बाबु व चैपरिया को महराजगंज नगर पालिका परिषद में शामिल किया गया है।
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डाइनामाइट न्यूज की पड़ताल में खुली पोल
डाइनामाइट न्यूज़ टीम ने नगर पालिका परिषद महराजगंज में शामिल धनेवा-धनेई टोला गबडुआ की पड़ताल की। टूटी हुई नालियां, सड़कों पर बिखरे कूडे़ का अंबार चहुंओर दिखे। गांव के सरवर आलम, शब्बीर अली उर्फ मुन्ना टाइगर, असलम ने बताया कि पहले एक गांव था तो हर सुविधाएं मिलती थी। मकान व शौचालय बनता था। मनरेगा के रोजगार मिलता था। नालियां साफ होती थी। सड़कों की भी मरम्म्त कराई जाती थी। गांव की विकास के लिए बजट भी मिलता था, लेकिन अब यह सब गुजरे जमाने की बात हो गई है। केवल हम वार्ड में रहते है, लेकिन शहर में रहने का तनिक भी एहसास नही होता।
नही मिलता परिवार रजिस्टर का नकल
पहले यह गांव धनेवा-धनेई का टोला गबडुआ के नाम से जाना जाता था। लेकिन अब इसका नाम बदलकर वीर अब्दुल हमीद नगर वार्ड रख दिया गया। यहां करीब 4 हजार मतदाता है, लेकिन नगर पालिका द्वारा यहां अभी तक कोई भी विकास कार्य नहीं कराया गया है। परिवार रजिस्टर का नकल व मृत्यु प्रमाण पत्र लेने के लिए लोगों को जूझना पड़ रहा है। निसार, जिआउद्वीन, रामरती, द्वारिका ने बताया कि नगर पालिका के जिम्मेदार रटा रटाया एक ही शब्द कहते हैं कि वार्ड के लोगों को परिवार रजिस्टर व मृत्यु प्रमाण पत्र देने का अभी निर्देश नहीं आया है। इस जरूरी कागजात को लेकर यहां के लोग परेशान हो गए हैं।