March to Parliament: लालकिला हिंसा के बाद संसद मार्च को लेकर किसान संगठनों ने लिया ये बड़ा फैसला, पढ़ें पूरी खबर

डीएन ब्यूरो

गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद किसानों के प्रदर्शन को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इस बीच संसद मार्च को लेकर किसान संगठनों ने एक बड़ा फैसला लिया है। पढ़ें पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वी.एम. सिंह
किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वी.एम. सिंह


नई दिल्लीः गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद किसानों के प्रदर्शन को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इस बीच आंदोलन को लेकर किसानों का रुख बदला है और अब किसानों का संसद मार्च रद्द हो सकता है।

यह भी पढ़ें: पढ़िये राकेश टिकैत और योगेन्द्र यादव समेत किन-किन पर दर्ज की दिल्ली पुलिस ने एफआईआर

असल में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 1 फरवरी को संसद मार्च करने का ऐलान किया था, जिस दिन लोक सभा में आम बजट पेश किया जाना है। किसान संगठनों की बैठक में संसद मार्च को रद्द करने पर फैसला हो सकता है। हालांकि, इन घटनाओं के बीच करीब 2 महीनों से जारी आंदोलन कुछ कमजोर तो पड़ा है, लेकिन किसानों ने साफ कर दिया है कि केंद्र के कृषि कानूनों को वापस लेने को लेकर उनका विरोध जारी रहेगा। यही नहीं उन्होंने कहा कि बजट के दिन संसद तक होने वाले मार्च का कार्यक्रम भी यथावत रहेगा।

यह भी पढ़ें | Kisan Tractor Rally: तस्वीरों के जरिये देखें, कैसे हुई ट्रैक्टर रैली में हंगामे की शुरुआत

यह भी पढ़ें: खुद पुलिसवालों ने बताई दिल्ली हिंसा में दंगाइयों के हमले की कहानी, जानिए क्या कहा

वहीं दूसरी ओर किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह ने कहा कि- सरकार की भी गलती है जब कोई 11 बजे की जगह 8 बजे निकल रहा है तो सरकार क्या कर रही थी। जब सरकार को पता था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले को कुछ संगठनों ने करोड़ों रुपये देने की बात की थी। साथ ही उन्होंने कहा कि- हिन्दुस्तान का झंडा, गरिमा, मर्यादा सबकी है। उस मर्यादा को अगर भंग किया है, भंग करने वाले गलत हैं और जिन्होंने भंग करने दिया वो भी गलत हैं... ITO में एक साथी शहीद भी हो गया। जो लेकर गया या जिसने उकसाया उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई होनी चाहिए।

यह भी पढ़ेंः जानिये ताजा अपडेट- ट्रैक्टर रैली हिंसा मामले में 200 से अधिक उपद्रवी हिरासत में, ताबड़तोड़ एक्शन में दिल्ली पुलिस

यह भी पढ़ें | बड़ी खबर: पढ़िये राकेश टिकैत और योगेन्द्र यादव समेत किन-किन पर दर्ज की दिल्ली पुलिस ने एफआईआर

संयुक्त किसान मोर्चा ने भी 26 जनवरी को दिल्ली में हुए हंगामे की निंदा की है। संयुक्त किसान मोर्चा ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा है कि- संघर्षरत संगठनों ने किसानों से अपील की कि वे धरना स्थलों पर रहें और शांतिपूर्ण संघर्ष जारी रखें। किसान संगठनों ने इस आंदोलन को जारी रखने का संकल्प लिया और असामाजिक तत्वों की निंदा की, जिन्होंने किसानों के आंदोलन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। संगठनों ने सरकार और अन्य ताकतों को इस आंदोलन को नहीं तोड़ने देने का संकल्प लिया है।










संबंधित समाचार