अमेरिका में अक्षरधाम मंदिर सेवा, भक्ति के मूल्यों का प्रतीक : अमेरिका सासंद
सांसद जेफ वान ड्रू ने यह बात अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में कही। उन्होंने कहा, ‘‘यह परियोजना स्वयंसेवा, व्यक्तिगत विकास और धार्मिक सीमाओं से परे सार्वभौमिक मूल्यों का उदाहरण है। यह एकता, सेवा और भक्ति का प्रतीक है, जो दुनिया भर के लोगों द्वारा साझा किए गए मूल सिद्धांतों को दर्शाती है।’’ पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
वाशिंगटन:अमेरिकी सांसद ने कहा है कि अमेरिका में नवनिर्मित अक्षरधाम मंदिर सेवा और भक्ति के मूल्यों का प्रतीक है।
सांसद जेफ वान ड्रू ने यह बात अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में कही। उन्होंने कहा, ‘‘यह परियोजना स्वयंसेवा, व्यक्तिगत विकास और धार्मिक सीमाओं से परे सार्वभौमिक मूल्यों का उदाहरण है। यह एकता, सेवा और भक्ति का प्रतीक है, जो दुनिया भर के लोगों द्वारा साझा किए गए मूल सिद्धांतों को दर्शाती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज, मैं मध्य न्यू जर्सी में एक भव्य हिंदू मंदिर के निर्माण के इर्द गिर्द समर्पण और एकता की एक प्रेरक कहानी साझा कर रहा हूं, जो सेवा और भक्ति के मूल्यों का प्रतीक है।’’
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इसे पश्चिम में सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होने का दावा किया जाता है जिसके निर्माण को पूरा करने में 12,500 स्वयंसेवक लगे हैं।
मंदिर का भूमिपूजन आठ अक्टूबर को किया गया था। इसे संगमरमर और चूना पत्थर से बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि रॉबिंसविले स्थित मंदिर स्वामीनारायण संप्रदाय के एक विश्वव्यापी धार्मिक और नागरिक संगठन बीएपीएस द्वारा निर्मित कई मंदिरों में से एक है।
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ड्रू ने कहा, ‘‘यह उन सामान्य मूल्यों की याद दिलाता है जो मानवता को एक साथ बांधते हैं, हमें अपने जीवन में एकता, सेवा और भक्ति को अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।’’