दहेज के झूठे आरोपों पर इलाहाबाद HC का बड़ा आदेश, दूल्हा-दुल्हन को शादी में मिलने वाली उपहारों की बनानी चाहिए लिस्ट

डीएन ब्यूरो

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि सभी को शादी में मिले उपहारों की एक लिस्ट बननी चाहिए और उस पर वर एवं वधू पक्ष के हस्ताक्षर भी कराए जाएं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

प्रतीकात्मक छवि
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प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि सभी को शादी में मिले उपहारों की एक लिस्ट बननी चाहिए और उस पर वर एवं वधू पक्ष के हस्ताक्षर भी कराए जाएं। ऐसा करने से विवादों के निपटारे में मदद मिलेगी। याचिका की अगली सुनवाई की तिथि 23 मई नियत की है और राज्य सरकार से पूछा है कि क्या दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अन्तर्गत कोई नियम प्रदेश सरकार ने बनाया है, यदि नहीं तो विचार करे।

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कोर्ट ने दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1985 का जिक्र करते हुए कहा कि इस कानून में एक नियम यह भी है कि वर एवं वधू को मिलने वाले उपहारों की सूची बननी चाहिए। इससे यह स्पष्ट होगा कि क्या-क्या मिला था। कहा कि शादी के दौरान मिलने वाले गिफ्ट्स को दहेज के दायरे में नहीं रखा जा सकता।

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यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम डी. चौहान ने अंकित सिंह व अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि दहेज की मांग के आरोप लगाने वाले लोग अपनी अर्जी के साथ ऐसी लिस्ट क्यों नहीं लगाते? दहेज प्रतिषेध अधिनियम का उसकी पूरी भावना के साथ पालन होना चाहिए।










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