अमेठी: शिव मंदिर पर नहीं होता जलाभिषेक, इस विधि-विधान से करते हैं पूजा

डीएन ब्यूरो

गौरीगंज जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर बाबूगंज सगरा आश्रम है। इसी आश्रम में सैकड़ों वर्ष पुराना एक शिव मंदिर विराजमान है। शिव मंदिर पर सावन भर न सिर्फ वैदिक मंत्रोचार का जाप होता है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट



अमेठी: सावन का पावन महीना भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता हैं। देश में  भोलेनाथ के भक्त अलग-अलग तरीके से भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं। सावन का महीना भोलेनाथ को अतिप्रिय है। इस माह में भगवान शंकर के शिवालयों पर पूजा-अर्चना के साथ दूध, घी, पंचामृत से शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाता है। लेकिन आज हम आपको अमेठी के एक ऐसे शिव मंदिर ले जा रहे है, जहां सावन में शिवलिंग पर जलाभिषेक नहीं होता है। शिवलिंग पर पूरे महीने सिर्फ़ चावल और जौ चढ़ाये जाते हैं। 

सैकड़ों वर्ष पुराना शिव मंदिर

गौरीगंज जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर बाबूगंज सगरा आश्रम है। इसी आश्रम में सैकड़ों वर्ष पुराना एक शिव मंदिर विराजमान है। शिव मंदिर पर सावन भर न सिर्फ वैदिक मंत्रोचार का जाप होता है। बल्कि 24 घंटे ओम नमः शिवाय का जप भी किया जाता है।

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नहीं किया जाता जलाभिषेक

सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा के अनुसार भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक नहीं किया जाता, हर भक्त अक्षत, चंदन, इत्र और सुगंधित तेल मिलाकर भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते हैं, मान्यता के अनुसार पूरे सावन के महीने में मंदिर में देश की सुख-समृद्धि और शांति को लेकर हवन‌-पूजन चलता हैं। 

महाकाल की मूर्ति की गई स्थापना

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हाल ही में यहां के सगरा आश्रम पर भगवान महाकाल की मूर्ति की स्थापना भी गई। इस दौरान जीएसटी कमिश्नर भूपेंद्र शुक्ला और गौरीगंज विधानसभा से समाजवादी पार्टी के नेता डॉ सिंधुजीत सिंह ने किया विधिवत पूजा-अर्चना की।










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