दिल्ली मेट्रों ने सुप्रीम कोर्ट से किया तत्काल सुनवाई आग्रह जानिये क्या है मामला
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह शीर्ष अदालत के 2021 के एक आदेश के खिलाफ उसकी याचिका नामंजूर किए जाने के संबंध में उपचारात्मक याचिका पर तत्काल सुनवाई करे। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह शीर्ष अदालत के 2021 के एक आदेश के खिलाफ उसकी याचिका नामंजूर किए जाने के संबंध में उपचारात्मक याचिका पर तत्काल सुनवाई करे।
याचिका में उस फैसले की समीक्षा का अनुरोध किया गया है जिसके तहत रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की सहायक कंपनी-दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) के पक्ष में 2017 के आदेश को बरकरार रखा गया था।
अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को शुक्रवार को बताया कि डीएमआरसी की उपचारात्मक याचिका पिछले साल अगस्त से शीर्ष अदालत में लंबित है।
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उन्होंने अदालत से कहा कि इस मामले पर तत्काल विचार करने की आवश्यकता है और दिल्ली उच्च न्यायालय के 17 मार्च के फैसले का हवाला दिया जिसमें केंद्र और दिल्ली सरकार को गारंटी या कर्ज के विस्तार के लिए डीएमआरसी के अनुरोध पर गौर करने का निर्देश दिया गया था ताकि वह डीएएमईपीएल के पक्ष में पारित एक मध्यस्थता आदेश के संबंध में बकाया राशि का भुगतान कर सके।
पीठ ने वेंकटरमणी से कहा कि वह इस मामले पर जल्द विचार करेगी। फरवरी में उच्च न्यायालय ने उल्लेख किया था कि 14 फरवरी, 2022 तक ब्याज सहित भुगतान योग्य कुल राशि 8,009.38 करोड़ रुपये थी। इसमें से डीएमआरसी द्वारा 1,678.42 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है और 6,330.96 करोड़ रुपये की राशि अभी भी बकाया है।
डीएमआरसी ने 23 मार्च को उच्च न्यायालय से आग्रह किया कि डीएएमईपीएल द्वारा 2017 के मध्यस्थता फैसले के तहत डीएमआरसी द्वारा बकाये के भुगतान की मांग वाली याचिका पर पारित 17 मार्च के फैसले की समीक्षा की जाए। साथ ही डीएमआरसी ने कहा कि उसके द्वारा खर्च की गई राशि को जब्त करने का परिणाम होगा कि राष्ट्रीय राजधानी में समूचा मेट्रो नेटवर्क तत्काल बंद हो जाएगा।
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उच्च न्यायालय का 17 मार्च का फैसला रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के स्वामित्व वाली डीएएमईपीएल द्वारा डीएमआरसी के खिलाफ उसके पक्ष में पारित मध्यस्थता निर्णय के बकाये के भुगतान को लेकर दायर याचिका पर आया था।
नवंबर 2021 में, शीर्ष अदालत ने डीएमआरसी द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें डीएएमईपीएल के पक्ष में 2017 के मध्यस्थता फैसले को बरकरार रखने वाले उसके फैसले की समीक्षा की मांग की गई थी।
शीर्ष अदालत ने 9 सितंबर, 2021 को डीएमआरसी के खिलाफ लागू होने वाले 2017 के मध्यस्थता आदेश को बरकरार रखा था।