तीरंदाजी: पार्थ सालुंखे रिकर्व वर्ग में युवा विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बने
पार्थ सालुंखे युवा विश्व चैंपियनशिप के रिकर्व वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाले देश के पहले पुरुष तीरंदाज बने, जिससे भारत ने अपने अभियान को 11 पदकों के साथ समाप्त किया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
लिमरिक: पार्थ सालुंखे युवा विश्व चैंपियनशिप के रिकर्व वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाले देश के पहले पुरुष तीरंदाज बने, जिससे भारत ने अपने अभियान को 11 पदकों के साथ समाप्त किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार युवा विश्व चैम्पियनशिप में यह देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
महाराष्ट्र के सतारा के 19 वर्षीय खिलाड़ी ने रविवार को यहां अंडर-21 पुरुष रिकर्व व्यक्तिगत फाइनल में कोरिया के तीरंदाज को हराकर सोने का तमगा हासिल किया।
रैंकिंग राउंड में शीर्ष पर रहने वाले सालुंखे ने सातवीं वरीयता प्राप्त सोंग इंजुन को पांच सेट के कड़े मुकाबले में 7-3 (26-26, 25-28, 28-26, 29-26, 28-26) से हराया।
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भारत ने अंडर-21 महिला रिकर्व व्यक्तिगत वर्ग में भी कांस्य पदक जीता। कांस्य पदक मुकाबले में भाजा कौर ने चीनी ताइपे की सु सीन-यू को 7-1 (28-25, 27-27, 29-25, 30-26) से हराया।
भारत का अभियान छह स्वर्ण, एक रजत और चार कांस्य पदक के साथ समाप्त हुआ, जो कुल पदकों की संख्या के मामले में सर्वोच्च था। टीम हालांकि रैंकिंग के मामले में कोरिया के बाद दूसरे स्थान पर रही। कोरिया ने छह स्वर्ण और चार रजत पदक के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया।
इंजुन ने पहले छह तीर से दो परफेक्ट 10 और तीन 9 अंक वाले निशाना साधा जिससे सालुंखे 1-3 से पिछड़ गए।
इस पर्व राष्ट्रीय चैंपियन ने दबाव से वापसी करते हुए तीसरा सेट दो अंकों से जीत कर स्कोर 3-3 कर दिया।
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संखुले ने इसके बाद अपनी लय बरकरार रखी जबकि इंजुन पर दबाव में बिखर गये। सालुंखे ने 10 अंक के दो और एक 9 अंक का एक निशान साध कर 5-3 की बढ़त हासिल कर ली और फिर दो एक्स ( निशाने के बिलकुल बीच में) के साथ शानदार अंत किया।
शिक्षक के बेटे सालुंखे की प्रतिभा को पहली बार 2021 में कोच प्रवीण सावंत ने पहचाना था। सालुंखे ने इसके बाद सोनीपत में भारतीय खेल प्राधिकरण केंद्र में राम अवदेश से प्रशिक्षण लिया। वह युवा विश्व चैंपियन बनने वाले भारत के पहले पुरुष तीरंदाज है।