Politics: प्रभावशाली लिंगायत नेताओं के आने से कांग्रेस में उत्साह, राजनीतिक लाभ मिलने की उम्मीद
कांग्रेस कर्नाटक में प्रभावशाली लिंगायत समुदाय के दो भाजपा नेताओं के उसके खेमे में आने के बाद राजनीतिक लाभ मिलने की उम्मीद बांध रही है वहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी इस दल-बदल को तवज्जो न देने एवं इसे ‘विश्वासघात’ के रूप पेश करने की कोशिश कर रही है।
बेंगलुरु: कांग्रेस कर्नाटक में प्रभावशाली लिंगायत समुदाय के दो भाजपा नेताओं के उसके खेमे में आने के बाद राजनीतिक लाभ मिलने की उम्मीद बांध रही है वहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी इस दल-बदल को तवज्जो न देने एवं इसे ‘विश्वासघात’ के रूप पेश करने की कोशिश कर रही है।
राज्य की कुल जनसंख्या में करीब 17 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाला लिंगायत समुदाय उत्तरी जिलों में केंद्रित है। यह समुदाय भाजपा का बड़ा वोटबैंक है।
कांग्रेस पिछले कुछ समय से भाजपा के लिंगायत वोटबैंक को तोड़ने या उसमें सेंध लगाने की जुगत में लगी है। वह यह पेश करने की चेष्टा कर रही है कि भाजपा ने अपने बुजुर्ग एवं कद्दावर नेता बी एस येदियुरप्पा का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने के बाद उन्हें हाशिये पर डालकर इस समुदाय के साथ गलत किया है।
अब वरिष्ठ नेता जगदीश शेट्टार (पूर्व मुख्यमंत्री) तथा लक्ष्मण सावदी (पूर्व उपमुख्यमंत्री) के अपने पाले में आने के बाद कांग्रेस इस आस में इस विमर्श को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है कि इससे लिंगायत समुदाय के दिमाग में भाजपा के विरूद्ध धारणा पैदा होगी।
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पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि कई कांग्रेस नेता पिछले दो-तीन दिनों से इस विमर्श को आगे बढ़ाने और यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि लहर उनके पक्ष में है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने तो यहां तक दावा किया है कि शेट्टार एवं सावदी के उनकी पार्टी में आने के बाद दो-तीन प्रतिशत वीरशैव लिंगायत वोट उनकी पार्टी के पक्ष में आ गये हैं।
शिवकुमार ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमारा अनुमान है कि हम 141 सीट जीतेंगे लेकिन जगदीश शेट्टार और सावदी के आने के बाद पार्टी (224 में से) 150 सीटें जीतेगी। उनके आने के बाद वीरशैव -लिंगायत के दो तीन प्रतिशत वोट आ रहे हैं , उनके समर्थक एवं शुभेच्छु कांग्रेस की ओर आ गये हैं।’’
उधर, भाजपा ने यह भांपकर अपने सबसे बड़े एवं विशाल जनाधार वाले नेता येदियुरप्पा को बचाव के लिए मैदान में उतार दिया है कि कांग्रेस इस मौके का इस्तेमाल यह विमर्श गढ़ने के लिए करेगी कि भाजपा ने लिंगायत नेताओं के साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया।
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येदियुरप्पा ने शेट्टार एवं सावदी को ‘विश्वासघाती’ करार दिया और उन्होंने उन दोनों को भाजपा द्वारा दिये गये सभी अहम पद गिनाए।
मुख्यमंत्री एवं लिंगायत नेता बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को बागलकोटे में कहा कि चुनाव से पहले भाजपा से एक या दो लिंगायत नेताओं के चले जाने का कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा उन क्षेत्रों में पिछली बार की तुलना में अधिक सीटें जीतेगी जहां के नेताओं ने पार्टी छोड़ी है।
बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक की राजनीति में लिंगायत जागरूक मतदाता हैं और जब भी उन्होंने निर्णय लिया है, सही निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव की घोषणा के बाद कांग्रेस लिंगायतों के प्रति बहुत प्रेम दिखा रही है लेकिन कांग्रेस ऐसा संगठन है जिसने लिंगायतों को बांटने का प्रयास किया।