असम सरकार का एक साल में एक लाख नौकरियों का वादा झूठा साबित हुआ है: माकपा
असम में विपक्षी दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का एक साल में एक लाख नौकरियां देने का वादा झूठा साबित हुआ है और दो साल में वास्तव में इससे करीब 70,000-75,000 उम्मीदवार ही लाभान्वित हुए हैं।
गुवाहाटी: असम में विपक्षी दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का एक साल में एक लाख नौकरियां देने का वादा झूठा साबित हुआ है और दो साल में वास्तव में इससे करीब 70,000-75,000 उम्मीदवार ही लाभान्वित हुए हैं।
असम की 126 सदस्यीय विधानसभा में माकपा के एकमात्र विधायक मनोरंजन तालुकदार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केवल एक लाख युवाओं को नौकरी देने से राज्य की बेरोजगारी की समस्या को हल करने में कैसे मदद मिल सकती है।
तालुकदार ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने एक लाख सरकारी नौकरियों का वादा किया था, जबकि राज्य में 22 लाख पंजीकृत बेरोजगार युवा हैं।’’
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माकपा विधायक ने कहा कि शर्मा ने एक साल के भीतर एक लाख नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन उनकी सरकार अब अपना दूसरा साल पूरा करने के कगार पर है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम उन्हें थोड़ी छूट दे भी दें, तो भी दी गई नौकरियों की संख्या करीब 91,000 है। इनमें से कई अभ्यर्थियों ने एक से अधिक पदों के लिए क्वालीफाई किया है। हमें लगता है कि वास्तव में केवल लगभग 70,000-75,000 पद ही भरे जाएंगे।’’
उन्होंने यह भी सवाल किया कि सरकार ने अभ्यर्थियों की सूची उनके अंकों के साथ प्रकाशित करने का प्रावधान क्यों नहीं किया।
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