असम, मेघालय के मुख्यमंत्रियों ने सीमा विवाद पर की चर्चा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने बुधवार को मुलाकात की और सीमा पर 12 में से शेष छह क्षेत्रों में पूर्वोत्तर के दोनों पड़ोसियों के बीच विवाद को हल करने के लिए विचार-विमर्श किया।
गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने बुधवार को मुलाकात की और सीमा पर 12 में से शेष छह क्षेत्रों में पूर्वोत्तर के दोनों पड़ोसियों के बीच विवाद को हल करने के लिए विचार-विमर्श किया।
गुवाहाटी में बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में शर्मा ने घोषणा की कि वह संगमा के साथ अगले महीने असम के कार्बी आंगलोंग और मेघालय के पश्चिम जयंतिया हिल्स में विवादित क्षेत्रों का दौरा करेंगे, जहां समस्या ‘‘थोड़ी जटिल’’ है।
मेघालय, असम से अलग होकर 1972 में नए राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था, लेकिन उसने असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 को चुनौती दी है जिससे 12 सीमावर्ती स्थानों पर विवाद की स्थिति है।
दोनों राज्यों ने 884.9 किलोमीटर लंबी सीमा पर छह क्षेत्रों में विवाद के निपटारे के लिए मार्च 2022 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में नयी दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत किए थे।
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समझौते के अनुसार 36.79 वर्ग किलोमीटर विवादित क्षेत्र पहले चरण में समाधान के लिए लिया गया जिसमें असम को 18.51 वर्ग किलोमीटर और मेघालय को 18.28 वर्ग किलोमीटर जमीन पर पूरी तरह नियंत्रण मिला।
असम के मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह विश्वास निर्माण का कदम होगा ताकि दोनों पक्षों के लोगों को आश्वस्त किया जा सके कि हम मतभेदों को सुलझा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि बातचीत, आपसी विश्वास और भरोसे के जरिए हम छह अन्य विवादित क्षेत्रों को लेकर मतभेदों को अपेक्षित समय से पहले सुलझा लेंगे।’’
संगमा ने कहा कि हालांकि इन छह क्षेत्रों में मतभेद ‘‘जटिल’’ हैं, लेकिन इन्हें भी विश्वास और दोस्ती की भावना से सुलझाया जा सकता है।
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उन्होंने कहा, ‘‘ चीजें जटिल हैं लेकिन हमारा मानना है कि जहां चाह होती है, तो वहां रास्ता अपने आप बन जाता है।’’
संगमा ने कहा कि जिन छह क्षेत्रों के लिए पिछले साल पहले चरण में दोनों राज्यों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, उनमें सर्वेक्षण तथा अन्य संबद्ध कार्य चल रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या शेष छह क्षेत्रों में समाधान खोजने के लिए कोई समयसीमा निर्धारित की गई है, शर्मा ने कहा, ‘‘ ये छह क्षेत्र थोड़े जटिल हैं, समयसीमा तय करना उचित विचार नहीं है लेकिन हम काम की प्रगति की समीक्षा के लिए जुलाई में मिलेंगे।’’