आजमगढ़: जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर दो बाहुबली के बीच टक्कर
सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर दो बाहुबली के बीच आज अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना है। इसे लेकर जिले में राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है।
आजमगढ़: स्थानीय सांसद मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर दो बाहुबली के बीच कड़ी टक्कर है। आज अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना है।
जिला पंचायत अध्यक्ष के कुर्सी की लड़ाई वास्तव में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान ही शुरू हो गई गयी थी। आपको बता दे कि जब समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव के भतीजे प्रमोद यादव को टिकट दिया और फिर दुर्गा और विधायक आलमबदी के दबाव में उसे काटकर मीरा यादव को प्रत्याशी बना दिया।
सपा के भीतर घमासान बढ़ी
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प्रमोद यादव द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद सपा के भीतर घमासान बढ़ गई। बलराम यादव खुलकर न सही लेकिन उनके समर्थक जिप सदस्य प्रमोद के साथ दिख रहे है। बलराम और दुर्गा में पटती नहीं है इस बात का सबसे ज्यादा फायदा प्रमोद को ही मिल रहा है। वहीं दुर्गा प्रसाद यादव भतीजे को सबक सिखाने के लिए मीरा यादव की कुर्सी किसी भी कीमत पर बचाना चाहते है। बाहुबली दुर्गा को सीधी चुनौती बाहुबली भुपेंद्र सिंह मुन्ना से मिल रही है। मुन्ना सिंह पूरी ताकत से प्रमोद के साथ खड़े है।
रमांकात हैं सबसे अहम किरदार
इस लड़ाई में सबसे अहम किरदार भाजपा के पूर्व सांसद बाहुबली रमाकांत यादव हैं, जिनके पास करीब डेढ़ दर्जन जिला पंचायत सदस्य है। माना जा रहा था कि हवलदार से बदला लेने के लिए रमाकांत यादव प्रमोद के साथ है लेकिन भाजपा में हाल के दिनों में रमाकांत की पूछ कम होने के बाद उन्हें इस बात का खतरा लगने लगा है कि बीजेपी टिकट काट सकती है।
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जिला पंचायत अध्यक्ष के कुर्सी की पहेली
सूत्रों की मानें तो रमाकांत यादव फिर सपा में वापसी चाह रहे है और अगर सब ठीक रहा तो वो मीरा का समर्थन करने के लिए अपने समर्थकों को सहमत कर सकते है। यदि बात नहीं बनी तो उनके समर्थक प्रमोद के साथ जायेंगे। हालत यह है कि जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी अनबुझी पहेली बन गयी है। मुकाबला भी नजदीकी होना तय है लेकिन यह चुनाव मुन्ना सिंह, रमाकांत यादव और दुर्गा जैसे बाहुबलियों की प्रतिष्ठा तथा भविष्य का फैसला करेगा।