जानिये, बागपत में 13 लोगों के हिंदू धर्म अपनाने की पूरी कहानी.. बिरादरी के लोगों से भी थे ख़फा
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत के बदरखा गांव में एक मुस्लिम परिवार के 13 लोगों द्वारा हिंदू धर्म अपनाने को भले ही कुछ लोग घर वापसी का नाम दे रहें हों, लेकिन इसकी वास्तविकता कुछ और ही। डाइनामाइट न्यूज़ की इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में पढ़ें, इस घटना की पूरी जानकारी
बागपत: बदरखा गांव के मुस्लिम परिवार के 13 लोगों ने इस्लाम को छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया। इस दौरान गांव में मेले जैसा माहौल बना रहा। हिंदू धर्म अपनाने वाले सभी मुस्लिम परिवार के पुरुष गांव के शिव मंदिर पहंचे जहां सैकड़ों लोग भी उपस्थित रहे, जबकि महिलाएं घरों में ही रही। मंदिर में 13 लोगों पर पंडित राजीव कौशिक ने गंगाजल छिड़का जिसके बाद सभी ने आचमन लिया और पूजा की। सभी ने पंडित के निर्देशानुसार हवन में आहूति डाली और हिंदू धर्म अपना लिया। इस मौके पर उन्होंने भगवान शिव का जलाभिषेक भी किया।
जय श्री राम व बजरंग बली के जयकारे
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पंडित राजीव कौशिक ने विधि-विधान से पूजा और यज्ञ संपन्न कराने के बाद सभी के द्वारा हिंदू धर्म अपनाने की घोषणा की। धर्म परिवर्तन के बाद सभी ने अपने नाम भी बदल लिए। हवन के बाद सभी 13 लोगों ने जय श्री राम व बजरंग बली के जयकारे भी लगाये। इस दौरान पूरे मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे और मेला जैसा माहौल बना रहा।
इसलिये किया धर्म परिवर्तन
बताया जाता है कि इस्माल से हिंदू धर्म अपनाने वाले लोग अपनी बिरादरी के लोगों से भी खासे नाराज चल रहे थे। पुलिस से न्याय न मिलने और अपने लोगों द्वारा बुरे वक्त में साथ न देने से ये लोग व्यथित थे। जिसके बाद उन्होंने धर्म परिवर्तन का निर्णय लिया। परिवार के मुखिया अख्तर के बेटे की गत दिनों कथित तौर पर हत्या कर दी गयी थी, बताया जाता है कि जिसे पुलिस ने आत्महत्या का रूप दिया। विरादरी के लोगों ने भी इस मामले में अख्तर का साथ नहीं दिया, जिससे वे काफी कुपित थे।
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धर्म परिवर्तन करने वाले लोग और बदले नाम
धर्म परिवर्तन करने वालों लोगों में परिवार के मुखिया अख्तर अली (65) से धर्म सिंह, अख्तर की पत्नी (62) नफीसा से निशा, बेटा (34) दिलशाद से दिलेर सिंह, बहु (30) मंसू से मंजू, पौता (11) अनस से अमर सिंह, पोती (8) शाइस्ता से सीमा, शना (6) से सोनिया, पोती सारिका (3) से सरिता, जोया (1) से ज्योति, दूसरा बेटा नौशाद (29) से नरेंद्र सिंह, पुत्र वधू रुकैया (26) से रूबी, पौत्र नाहिद हसन (7) से विशाल, तीसरे बेटा (26) इरशाद से कवि नाम रख लिया है।