खेल मंत्री से मिले बजरंग और साक्षी, संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई चुनाव लड़ने से रोकने का आग्रह किया
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने सोमवार को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से आग्रह किया कि वे सुनिश्चित करें कि संजय सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ें क्योंकि वह पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के करीबी हैं जिन पर कथित रूप से महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने सोमवार को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से आग्रह किया कि वे सुनिश्चित करें कि संजय सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ें क्योंकि वह पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के करीबी हैं जिन पर कथित रूप से महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है।
डब्ल्यूएफआई के बहुप्रतीक्षित चुनाव 21 दिसंबर को महासंघ की आम सभा की बैठक में होने हैं और इसी दिन नतीजों की घोषणा भी की जाएगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बजरंग, विनेश फोगाट और साक्षी उन पहलवानों में शामिल थे जिन्होंने बृज भूषण के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन की अगुआई की थी और भारतीय जनता पार्टी के सांसद पर जूनियर पहलवानों सहित कई महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। दिल्ली की एक अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है।
तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग के अनुसार उन्होंने अपना विरोध-प्रदर्शन वापस लिया था क्योंकि सरकार ने आश्वासन दिया था कि बृज भूषण से जुड़ा कोई व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ पाएगा।
बृज भूषण के विश्वासपात्र संजय सिंह और 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनिता श्योराण डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष पद के लिए चुनौती पेश कर रहे हैं।
बजरंग ने कहा, ‘‘हां, आज हमने खेल मंत्री से मुलाकात की और उन्हें उनका वादा याद दिलाया कि बृज भूषण से जुड़ा कोई व्यक्ति डब्ल्यूएफआई चुनाव नहीं लड़ेगा।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘संजय सिंह उसका करीबी है और उसे चुनाव से हटना चाहिए या फिर हम जल्द ही अपनी भविष्य की कार्रवाई पर फैसला करेंगे। हमने मंत्री को यह बता दिया है।’’
बृज भूषण के विश्वासपात्र संजय डब्ल्यूएफआई की पिछली कार्यकारी परिषद का हिस्सा थे। वह 2019 से राष्ट्रीय महासंघ के संयुक्त सचिव भी थे।
बजरंग ने कहा कि उन्हें अनिता से कोई समस्या नहीं है क्योंकि वह पूर्व पहलवान है और खिलाड़ियों के हालात से वाकिफ है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि कोई पूर्व पहलवान डब्ल्यूएफआई का प्रभार संभाले जिसे कम से कम यह तो पता हो कि देश के लिए पदक जीतने के लिए क्या करना होता है। अनिता राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता हैं और पहलवानों की मांगों को समझती हैं।’’
डब्ल्यूएफआई की पहला महिला अध्यक्ष बनने के लिए चुनौती पेश कर रहीं अनिता बृज भूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में कथित तौर पर गवाह हैं।
बृज भूषण पर यौन उत्पीड़न के कई आरोप लगे हैं और वह अभी जमानत पर हैं। वह डब्ल्यूएफआई का चुनाव नहीं लड़ सकते क्योंकि पदाधिकारी के रूप में 12 साल पूरे कर चुके हैं जो राष्ट्रीय खेल संहिता के तहत अधिकतम कार्यकाल है।
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बृज भूषण ने साथ ही आश्वासन दिया है कि उनके परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगा।
उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण और इसी संघ का उपाध्यक्ष उनका बेटा करण चुनाव नहीं लड़ेंगे।
बिहार कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बृज भूषण के दामाद विशाल सिंह भी चुनाव नहीं लड़ रहे।
डब्ल्यूएफआई के एक सूत्र ने कहा कि यह हैरानी भरा नहीं है कि अब भी चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है।
सूत्र ने कहा, ‘‘आप स्वयं देख सकते हैं कि चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है।’’
डब्ल्यूएफआई के पूर्व अधिकारी ने कहा, ‘‘संजय चुनाव लड़ने का पात्र है और यही कारण है कि निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव के लिए उनके नाम को स्वीकृति दी है। किसी को उनके नामांकन पर आपत्ति क्यों है।’’