बलिया: बारिश ने खोल दी नगर पालिका की पोल, गर्मी से परेशान लोगों को अब सता रहा जलभराव का डर
यूपी के बलिया में बारिश के बाद जगह जगह जलभराव देखने को मिल रहा है। जहां एक तरफ लोगों को गर्मी से राहत मिली हैं वहीं अब पानी भरने से परेशानी हो रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
बलिया: शनिवार की दोपहर झमाझम बारिश ने उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत दिलाई। पिछले कई दिनों से बारिश तो हो रही थी लेकिन टिप टिप बारिश फिर धूप ने लोगों ने उमस भरी गर्मी से परेशान करके रखा था। शनिवार की सुबह से ही आसमान में बादल तैरता रहा, उमस भरा मौसम था। बिजली कटौती के चलते लोग व्याकुल थे। इसी बीच दोपहर को हुई झमाझम बारिश ने मौसम को खुशनुमा बना दिया।
वहीं जगह—जगह जल जमाव हो जाने से राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस दौरान बच्चे और युवा मस्ती के लिए सड़क पर निकल आए। बारिश से किसान भी खुश नजर आए।
यह भी पढ़ें |
Weather Alert: दिल्ली में बाढ़ का खतरा, लगातार बारिश से यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब, जानिये ये बड़े अपडेट
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार ठीक ठाक बारिश ना होने और बीच—बीच में धूप के कारण उमस से लोगों का बुरा हाल हो गया था। दोपहर को जब बारिश हुई तो लोगों के चेहरे खिल उठे। नगर की सड़कों पर लबालब पानी भर गया। बच्चे और युवा सड़कों पर मस्ती करते दिखे। हालांकि बारिश के बाद नगर की हालत देखने लायक नहीं थी। कारण पानी निकासी न होने से काफी देर तक पानी सड़कों पर ही जमा रहा।
राहगीर गिरते-पड़ते भी रहे। नालों की सफाई ना होने और सीवरेज की खुदाई के चलते और परेशानी हुई। नगर का आधा हिस्सा कीचड़युक्त हो गया। नगर के सतीश चंद कॉलेज, जापलिनगंज सहित कई अधिक मुख्य मार्गों पर देर तक पानी भरा रहा। उधर किसान भी कई दिनों से बारिश के लिए आसमान में टकटकी लगाए हुए थे। बारिश के बाद वे भी खुशी से झूम उठे। कई जगह खेतों में पानी लग गया है। किसान धान रोपाई के लिए खेत तैयार करने में जुट गए हैं।
यह भी पढ़ें |
बलिया: दो घंटे की मूसलाधार बारिश से नगर बने झील, जगह जगह जलभराव
मौसम के विभाग के अनुसार बलिया में रविवार से बारिश और भी तेज होगी। उधर भीषण बारिश को देखते हुए कटानरोधी कार्य में तेजी लाई गई है। बाढ़ खंड की मानें तो देश के अलग—अलग हिस्सों में जैसे हरिद्वार आदि जगहों पर बाढ़ आने के कारण कभी भी गंगा या फिर घाघरा का जलस्तर बढ़ सकता है। ऐसे में कटानरोधी कार्य में तेजी लाई गई है।