यूपी में बारिश के बाद अब बाढ़ का कहर, बलरामपुर में एक दर्जन गांवों का कटा संपर्क, शांति पुरवा गांव जलमग्न
राज्य में जारी भारी बारिश के कारण जान-माल के बढ़ते नुकसान के अलावा और अन्य तरह के संकट भी सामने आने लगे है। बलरामपुर जिले में बरसात के कारण बाढ़ की तबाही भी सामने आने लगी है। कुछेक गांव पूर तरह जलमग्न हो गये, जबकि एक दर्जन गांवों के संपर्क पूरी तरह कट गया है। पूरी खबर..
बलरामपुर: लगातार हो रही बारिश के कारण यूपी में भारी जान-माल के नुकसान साथ ही अन्य तरह के संकट भी सामने आने लगे है। बलरामपुर जिले के महाराजगंज तराई पहाड़ी नाला के खरझार नाले में बाढ़ ने भारी कहर मचा रखा है। शांति पुरवा गांव पूरी तरह जलमग्न हो गया है, जबकि बाढ़ के कारण एक दर्जन गावों का संपर्क टूट गया है।
संकट में शांति पुरवा गांव
जिले के शांति पुरवा गांव में बाढ़ का पानी घर-घर में घुस गया है। पूरा गांव जलमग्न हो गया है, जिससे ग्रामीणों का जीवन संकट में आ गया है। बाढ़ के बढ़ते कहर से लोगों में भारी दहशत पैदा होने लगी है। लोग मदद की तलाश में जुटे हुए है और सुरक्षित व ऊपरी स्थानों की ओर जा रहे है। बाढ़ का खतरा निरंतर बढ़ता जा रहा है।
यह भी पढ़ें |
बलरामपुर: पहाड़ी नालों में आई बाढ़ ने मचाई तबाही, किसानों पर छाया संकट
फसल पूरी तरह जलमग्न
गांव व घरों को चपेट में लेने के अलावा बाढ़ ने खेतों में खड़ी फसल को भी चौपट कर दिया है। खेतों में फसल पूरी तरह जलमग्न हो गयी है, जिससे भारी मात्र में किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा। किसानों को समझ नहीं आ रहा कि वे क्या करें।
नेपाल से आने वाला पानी खतरे का कारण
यह भी पढ़ें |
बलरामपुर: मुसलाधार बारिश के कारण मकान गिरने से परिवार के 3 लोग दबे
अब तक बाढ़ के कारण एक दर्जन गावों का संपर्क टूट चुका है जबकि पानी भर जाने के कारण कई गांवों के संपर्क मार्ग टूट गये है, जिससे आवागमन बाधित हो गया है। लोग सुरक्षित ठिकानों की तलाश कर रहे है। नेपाल से आने वाला पानी भी बाढ़ का प्रमुख कारण माना जा रहा है।
58 लोगों की मौत 53 घायल
उत्तर प्रदेश के 31 जिलों में बारिश के कहर से अब तक 58 लोगों के मारे जाने की पुष्टी शासन द्वारा की जा चुकी है। जबकि शासन के मुताबिक अब तक 53 लोग इस कारण घायल हुए है। हालांकि शासन द्वारा जिन प्रभावित 31 जिलों की सूची जारी गई की है, उनमें बलरामपुर समेत इससे लगे पड़ोसी जिले श्रावस्ती, गोंडा और बहराइच का नाम शामिल नहीं है। लेकिन बढ़ते बाढ़ के कहर से अंदेशा लगाया जा सकता है कि यदि शासन द्वारा शीघ्र सहायता उपलब्ध नहीं कराई गयी तो इन जिलों में भी भारी जान-माल का नुकसान हो सकता है। बारिश का मिजाज लगातार खराब हो रहा है, जिससे चिंताएं बढ़नी स्वाभाविक है।