बलरामपुर: लाल निशान के करीब पहुंचा राप्ती नदी का जल स्तर, ग्रमीणों की उड़ी रात की नींद
गुरूवार को राप्ती नदी का जल स्तर 103.570 पहुंच गया, जो कि खतरे के निशान से महज 1.30 मीटर कम है। कहीं बाढ़ तो, कहीं कटान के डर से तटवर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों की रातों की नींद तक उड़ चुकी है। संभावित खतरे को देखते हुए डीएम ने कई क्षेत्रों का दौरा किया और जरूरी निर्देश दिये। पूरी खबर..
बलरामपुर: जिले में लगातार हो रही बारिश से राप्ती नदी का जल स्तर लाल के निशान को छूने को बेताब है। राप्ती नदी के बढत जल स्तर से तटवर्ती क्षेत्र में रह रहे लोगों की रातों की नींद गायब है। ग्रामीण रात भर जागकर पहरेदारी करते है कि कहीं अचानक से बाढ़ न आ जाए। डीएम कृष्णा करूणेश व एडीएम अरूण कुमार शुक्ला ने सिसई घाट पर बाढ़ चैकी का औचक निरीक्षण किया।
गुरूवार को राप्ती नदी का जल स्तर 103.570 पहुंच गया, जो कि खतरे के निशान से 1.30 मीटर कम है। कहीं बाढ़ तो, कहीं कटान के डर से तटवर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों की रातों की नींद तक उड़ चुकी है। उन्हें यही डर सताये की कही कटान तेज हुई तो उनके आशियाने नदी में समा जायेगें।
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राप्ती नदी ने शुरू किया कटान
थाना गौरा चैराहा के ग्राम फत्तेपुर, रामनगर, नयनसुखवा, नरायनपुर मझारी के ग्रामीणों की नींद उड़ी है। ग्राम नौबस्ता व नरायनपुर मझारी के लगभग दो दर्जन घर नदी तटबंध के बीच है। वही करमाना व रोहारी गांव के पास राप्ती नदी ने कटान शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन से उन्हें कोई सुविधा मुहैया नही करवाई जा रही है।
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डीएम ने किया बाढ़ चैकी का औचक निरीक्षण
डीएम कृष्णा करूणेश ने उपजिलाधिकारी अरूण कुमार गौड़ व एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला के साथ सिसई घाट बाढ़ चौकी का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने राप्ती नदी के बढ़ते जलस्तर का भी जायजा लिया है। बाढ़ चौकी की हालत खस्ता होने पर पर डीएम ने नाराजगी व्यक्त किया। उन्होंने निर्देश दिया कि तत्काल बाढ़ चौकी की हालत सुधारी जाय। उन्होंने समस्त लेखपालों व चौकीदारों को निर्देशित किया कि अपने अपने क्षेत्रों में नदी के जलस्तर व कटान पर नजर रखें, इसमे किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।