बैंक ‘लिबोर’ व्यवस्था से हटने के लिये कदम उठाएंः आरबीआई
भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को एक जुलाई, 2023 से ‘लंदन इंटरबैंक ऑफर्ड रेट’ (लिबोर) से पूरी तरह अलग होने के लिये कदम उठाने की सलाह दी।
मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को एक जुलाई, 2023 से ‘लंदन इंटरबैंक ऑफर्ड रेट’ (लिबोर) से पूरी तरह अलग होने के लिये कदम उठाने की सलाह दी।
ब्रिटेन के फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी (एफसीए) ने पांच मार्च, 2021 को घोषणा की थी कि लिबोर से जुड़ी व्यवस्था प्रदान नहीं की जाएगी और अब यह प्रतिनिधि दर नहीं होगी।
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उल्लेखनीय है कि लिबोर वैश्विक स्तर पर स्वीकृत मानक ब्याज दर रही है। यह बैंकों के बीच उधारी लागत के बारे में संकेत देता है।
आरबीआई ने कहा, ‘‘बैंकों और वित्तीय संस्थानों से अपेक्षा है कि वे एक जुलाई, 2023 से लिबोर व्यवस्था से पूर्ण रूप से अलग होने को लेकर कदम उठाएं।’’
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लिबोर व्यवस्था से पूर्ण रूप से बदलाव वैश्विक वित्तीय बाजारों में एक महत्वपूर्ण घटना है। इसके लिए परिचालन जोखिमों को कम करने और एक व्यवस्थित परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिये सभी पक्षों से निरंतर ध्यान देने की आवश्यकता है।