मेघालय के पश्चिमी हिस्से में फिर से सक्रिय हो रहा प्रतिबंधित जीएनएलए, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
प्रतिबंधित गारो नेशनल लिबरेशन आर्मी (जीएनएलए) फिर से संगठित और सक्रिय हो रहा है और मेघालय के पश्चिम गारो हिल्स क्षेत्र के युवाओं को गोरिल्ला युद्ध के मूलभूत प्रशिक्षण के लिए म्यांमा भेज रहा है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
शिलांग: प्रतिबंधित गारो नेशनल लिबरेशन आर्मी (जीएनएलए) फिर से संगठित और सक्रिय हो रहा है और मेघालय के पश्चिम गारो हिल्स क्षेत्र के युवाओं को गोरिल्ला युद्ध के मूलभूत प्रशिक्षण के लिए म्यांमा भेज रहा है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन ने पहले ही इस तरह के प्रयासों के खिलाफ कदम उठाए हैं और वह प्रतिबंधित संगठन के आत्मसमर्पण कर चुके कैडर की गतिविधियों पर नजर रख रहा है।
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा, ‘‘हमें सूचना मिली है कि जीएनएलए फिर से संगठित हो रहा है। यह सूचना आंतरिक है और इस पर कार्रवाई की गयी है।’’
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उन्होंने कहा कि कुछ युवाओं की ‘‘भर्ती’’ की गई है और गोरिल्ला युद्ध के मूलभूत प्रशिक्षण के लिए उन्हें म्यांमा भेजा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि 10 दिन पहले वायरलेस पर जारी संदेश में एक विशेष शाखा के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) ने मेघालय के सभी थानों में अधिकारियों से संगठन के पूर्व सदस्यों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए खुफिया नेटवर्क को मजबूत करने का आग्रह किया था।
संदेश में कहा गया है, ‘‘संगठन के आत्मसमर्पण कर चुके/गिरफ्तार कैडरों, संगठन के ज्ञात भूमिगत कार्यकर्ताओं के साथ-साथ संगठन से संबंध रखने वाले कारोबारियों की आवाजाही और गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखें।’’
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वह उग्रवाद विरोधी अभियान चलाए और गारो हिल्स में संगठन को फिर से अपना संचालन शुरू करने से रोकने के लिए छापेमारी करे।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिबंधित संगठन में शामिल करने के मकसद से युवाओं को लामबंद करने के लिए शाहलंग, जदी और नोंगलबिब्रा क्षेत्रों में बैठकें आयोजित की गई हैं।
2018 में जीएनएलए भंग हो गया था और इसके कैडरों ने जत्थों में आत्मसमर्पण किया था।