बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के फिर बिगड़े बोल, मंदिर को बताया शोषण के स्थल

डीएन ब्यूरो

बिहार में राजद के वरिष्ठ नेता और राज्य के शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर द्वारा मंदिरों को षड्यंत्रकारियों की जेबें भरने के लिए स्थापित शोषण स्थल कहे जाने से एक ताजा विवाद खड़ा हो गया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर


सासाराम: बिहार में राजद के वरिष्ठ नेता और राज्य के शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर द्वारा मंदिरों को षड्यंत्रकारियों की जेबें भरने के लिए स्थापित शोषण स्थल कहे जाने से एक ताजा विवाद खड़ा हो गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार रोहतास जिले के डेहरी-ऑन-सोन में रविवार को एक समारोह को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि 2024 में विद्रोह का समुद्र उन लोगों को डुबो देगा जो छद्म राष्ट्रवाद और नकली हिंदुत्व की राजनीति में लगे हुए थे।

विपक्षी भाजपा का नाम लिए बिना, उसकी तरफ इशारा करते हुये चन्द्रशेखर ने राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह की ओर से समाज सुधारक सावित्री बाई फुले की जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह में किया गया।

चन्द्रशेखर ने कहा, ‘‘भगवान राम के मंदिर के लिए जो स्थल आवंटित किए गए हैं, वे केवल शोषण के स्थल हैं। यह समुदाय विशेष के कुछ षडयंत्रकारियों की जेबें भरने की जगह है। हमें छद्म हिंदुत्व और छद्म राष्ट्रवाद से सचेत रहना चाहिए। भगवान राम हम सभी में और हर जगह रहते हैं। भगवान राम को खोजने के लिए कहीं भी या किसी मंदिर में जाने की जरूरत नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि मंदिर मानसिक गुलामी का मार्ग है जबकि स्कूल का अर्थ जीवन में प्रकाश का मार्ग है।

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शिक्षा मंत्री ने आगे कहा, ‘‘अगर आपको चोट लगेगी तो आप कहां जाएंगे। मंदिर या अस्पताल। अगर आप शिक्षा चाहते हैं और अधिकारी, विधायक या सांसद बनना चाहते हैं तो क्या आप मंदिर जायेंगे या स्कूल जाएंगे।

उन्होंने कहा कि फ़तेह बहादुर सिंह ने वही बात कही जो भारत की पहली महिला शिक्षिका, समाज सुधारक और कवयित्री सवित्र बाई फुले ने कही थी।

चन्द्रशेखर ने कहा कि फतेह बहादुर के बयान के खिलाफ साजिशकर्ताओं ने उनकी जीभ काटने की कीमत लगाई।

उन्होंने कहा, ‘‘अब एकलव्य का बेटा अपना अंगूठा दान नहीं करेगा। अब लोग जानते हैं कि प्रसाद कैसे चढ़ाना है। षडयंत्रकारियों को याद रखना चाहिए कि बहुजन लोग इतना पसीना बहाएंगे कि वह समुद्र बन जाएगा और 2024 चुनाव के बाद विरोधी सात समंदर पार खड़े नजर आएंगे।’’

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी हाल ही में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर विवादित बयान दिया था।

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बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता निखिल आनंद ने चंद्रशेखर की टिप्पणी पर कहा, ‘‘वह, वही बात दोहरा रहे हैं जो तेजस्वी यादव ने हाल ही में कई मौकों पर कहा था। अपने मुस्लिम मतदाताओं के लिए... तुष्टिकरण की राजनीति के तहत यह राजद नेताओं द्वारा एक संदेश देने की रणनीति और जानबूझकर किया गया प्रयास है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘राजद अपने मुस्लिम तुष्टीकरण कार्ड खेलने के लिए हिंदुओं.सनातन धर्म का दुरुपयोग करने और उन पर आरोप लगाने के लिए किसी भी स्तर का सहारा लेने को तैयार है। अयोध्या और मथुरा भारत की आध्यात्मिक-सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक अस्मिता से जुड़े प्रश्न हैं। ’’

आनंद ने कहा, ‘‘रामचरितमानस और भगवान श्रीराम का विरोध करते हुए चंद्रशेखर और फतेह बहादुर जैसे राजद नेताओं को पहले अपनी पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद जी और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से पूछना चाहिए कि वे हाल ही में परिवार के साथ तिरुपति क्यों गए और मुंडन क्यों कराया। राजद नेताओं को हमें बताना चाहिए कि वे अपने घरों में जन्म, मृत्यु और विवाह समारोहों के दौरान कौन से धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करते हैं।’’










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