Bharat Jodo Nyaya Yatra: कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में शामिल हुई माकपा, टीएमसी ने दोनों की आलोचना की
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता बृहस्पतिवार को शामिल हुए। इस मौके पर वाम दल ने कहा कि अगर तृणमूल कांग्रेस विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन से बाहर जाती है तो वह इसका स्वागत करेंगे। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
बहरामपुर: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता बृहस्पतिवार को शामिल हुए। इस मौके पर वाम दल ने कहा कि अगर तृणमूल कांग्रेस विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन से बाहर जाती है तो वह इसका स्वागत करेंगे।
माकपा का यह बयान कांग्रेस के उस बयान के विपरीत है जिसके मुताबिक उसे अब भी पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से सीट समझौता होने की उम्मीद है।
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हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के दोनों साझेदारों माकपा और कांग्रेस के प्रति तल्ख रुख में कोई कमी नहीं आई है। तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘‘टीएमसी दिल्ली जीतेगी और आगामी लोकसभा चुनाव के बाद सभी क्षेत्रीय दलों को एक छतरी के नीचे लाएगी।’’
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को मनाने की कोशिशें जारी रखी है। देश की सबसे पुरानी पार्टी के महासचिव जयराम रमेश पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ ‘‘पारस्परिक रूप से स्वीकार्य’’ सीट-बंटवारे को लेकर आशान्वित हैं, जबकि राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस के साथ सीट छोड़ने को लेकर अनिच्छुक दिखाई दे रही है।
राहुल गांधी की अगुवाई वाली यात्रा बृहस्पतिवार को कांग्रेस के गढ़ रहे मुर्शिदाबाद जिले में पहुंची, जहां माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम सहित शीर्ष माकपा नेता एक खुली जीप में यात्रा में शामिल हुए और इस दौरान जीप में मौजूद राहुल गांधी हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन करते नजर आए।
बाद में गांधी को सलीम और अन्य वरिष्ठ माकपा नेताओं से बात करते देखा गया।
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पश्चिम बंगाल कांग्रेस इकाई के नेता वाम नेताओं का स्वागत करते हुए दिखाई दिए। राज्य में कांग्रेस का माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के साथ गठबंधन है।
पड़ोसी नादिया जिले में एक सरकारी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने दावा किया कि उनकी पार्टी राज्य में आगामी लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन करने को उत्सुक थी, लेकिन यह कांग्रेस ही थी, जिसने उनके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम गठबंधन चाहते थे, लेकिन कांग्रेस सहमत नहीं थी। उन्होंने चुनाव में भाजपा की सहायता के लिए माकपा के साथ हाथ मिलाया है... हम ही हैं जो देश में भाजपा से लड़ सकते हैं।’’
ममता बनर्जी ने विश्वास जताया कि आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हार मिलेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ केंद्र में सरकार बनाने की रणनीति पर फैसला करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर लोग हमारे साथ हैं तो हम वादा करते हैं, हम दिल्ली (लोकसभा चुनाव) जीतेंगे। चुनाव के बाद हम सभी क्षेत्रीय दलों को साथ लेकर सरकार बनाएंगे।’’
मुर्शिदाबाद के बहरामपुर में यात्रा में शामिल होने के मौके पर सलीम ने दावा किया कि देश ‘न्याय और अन्याय’ के बीच विभाजित है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अन्याय के खिलाफ लड़ाई में साथ आए हैं।’’
कांग्रेस, वाम मोर्चा और तृणमूल कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का संयुक्त रूप से मुकाबला करने के लिए गठित ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) का हिस्सा हैं।
सलीम ने कहा कि बहुत सारे लोग प्रारंभिक स्टेशन से ट्रेन में चढ़े हैं, लेकिन कोई यह नहीं कह सकता कि कौन भाजपा के खिलाफ लड़ाई का हिस्सा बना रहेगा और कौन रास्ते में उतर जाएगा।
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माकपा नेता ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी अब ट्रेन से उतरना चाहती हैं और हम उनका स्वागत करते हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी कांग्रेस को निशाना बनाने के लिए माकपा के नाम का इस्तेमाल कर रही हैं।
उनकी टिप्पणी पिछले हफ्ते ममता बनर्जी की घोषणा की पृष्ठभूमि में आई है कि उनकी पार्टी राज्य की सभी 42 लोकसभा सीट पर अकेले चुनाव लड़ेगी, जिससे राज्य में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन को करारा झटका लगेगा।
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को सीट देने में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी की अनिच्छा के बावजूद कांग्रेस ने राज्य में टीएमसी के साथ पारस्परिक रूप से स्वीकार्य सीट-बंटवारे की व्यवस्था हासिल करने को लेकर बृहस्पतिवार को आशावादी रुख व्यक्त किया।
रमेश ने कहा, ‘‘गठबंधन में, देने और लेने की प्रवृत्ति होती है। हम राज्य में संयुक्त रूप से सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर आम सहमति तक पहुंचने के लिए आशान्वित हैं जो इसमें शामिल सभी दलों को संतुष्ट करेगा। ममता बनर्जी ने ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है और हम इस रुख का स्वागत करते हैं।’’
रमेश ने कहा, ‘‘मैंने उनके बयान को सुना है, लेकिन यह उनकी राय को दर्शाता है, गठबंधन की सहमति को नहीं। टीएमसी और कांग्रेस दोनों का आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने का साझा लक्ष्य है।’’
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने वामपंथियों के साथ मेलजोल के लिए कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि वह आजादी के बाद से राज्य में उससे लड़ती रही है।
तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘‘सत्तर और अस्सी के दशक में माकपा ने राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी को बुरा भला कहा था। अस्सी के दशक के अंत में बोफोर्स मुद्दे के बाद माकपा ने उनके (राजीव गांधी) खिलाफ नारे गढ़े और उन्हें हटाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘माकपा जानती है कि अगर वह 42 सीट पर अकेले चुनाव लड़ेगी तो उसकी जमानत जब्त हो जाएगी।’’