सुप्रीम कोर्ट का फैसला, भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार पांचों वामपंथी विचारक रहेंगे नजरबंद
भीमा कोरेगांव मामले में नक्सलियों का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए सभी पांच लोगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में पुणे पुलिस को भी झटका दिया है। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
नई दिल्लीः भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किये गये सभी पांच वामपंथी विचारकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि इस केस में गिरफ्तार किए गए सभी पांच लोग 6 सितम्बर तक अपने घरों में ही नजरबंद रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट में इस केस में अगली सुनवाई 6 सितम्बर को होगी।
कोर्ट ने इस मामले में पुणे पुलिस को झटका देते हुए कहा कि गिरफ्तार किये गये लोगों को फिलहाल रिमांड पर नहीं लिया जा सकेगा। महाराष्ट्र सरकार ने भी कोर्ट की हाउस अरेस्ट वाली बात को स्वीकार कर लिया है।
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कोर्ट ने इस मामले में बुधवार तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। बता दें कि पांच महीने में मंगलवार को दूसरी बार पुणे पुलिस ने देशभर के कथित नक्सल समर्थकों के घरों व कार्यालयों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी औऱ पांच लोगों को गिरफ्तार किया था।
इन छापों के बाद पुलिस ने कवि वरवरा राव, अरुण पेरेरा, गौतम नवलखा, वेरनोन गोन्जाल्विस और सुधा भारद्वाज को गिरफ्तार किया था। अब कोर्ट के आदेश के बाद गिरफ्तार किए गए सभी लोग 6 सितम्बर तक अपने घरों में नजरबंद रहेंगे।
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