विशेषाधिकार समिति की बैठक में नहीं पहुंचे बिधूड़ी, कार्यक्रमों का दीया हवाला
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रमेश बिधूड़ी अपने पहले से तय कुछ कार्यक्रमों का हवाला देते हुए मंगलवार को लोकसभा की विशेषाधिकार समिति की बैठक में नहीं पहुंचे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रमेश बिधूड़ी अपने पहले से तय कुछ कार्यक्रमों का हवाला देते हुए मंगलवार को लोकसभा की विशेषाधिकार समिति की बैठक में नहीं पहुंचे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बिधूड़ी राजस्थान में भाजपा के लिए चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। भाजपा ने गुर्जर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बिधूड़ी को प्रदेश के टोंक जिले का प्रभारी बनाया है। टोंक में विधानसभा की चार सीटें हैं।
राजस्थान में सभी 200 विधानसभा सीटों के लिए 23 नवंबर को मतदान होगा।
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विशेषाधिकर समिति की बैठक के एजेंडे में कहा गया था कि सदन में 'चंद्रयान-3 मिशन' पर चर्चा के दौरान कथित अनुचित आचरण के लिए बिधूड़ी और दानिश अली के खिलाफ विभिन्न सदस्यों से प्राप्त शिकायतों के संबंध में सांसद रमेश बिधूड़ी का मौखिक साक्ष्य लिया जाएगा।
‘चंद्रयान-3 की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां’ विषय पर लोकसभा में चर्चा के दौरान गत 21 सितंबर को बिधूड़ी ने अली के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था।
इसके बाद, खुद दानिश अली के अलावा लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सांसद सुप्रिया सुले, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अपरूपा पोद्दार, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई और विपक्ष के कई अन्य सदस्यों ने सदन के अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इन सांसदों ने मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का भी आग्रह किया था।
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दूसरी तरफ, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और रवि किशन ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर दावा किया था कि पहले अली ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने भी इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का आग्रह किया था।
लोकसभा अध्यक्ष ने सभी शिकायतों को विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया था।