अल्जाइमर रोग पर शोधकर्ताओं का बड़ा खुलासा, पीड़ित में मिला ये खास अनुवांशिक गुण, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
शोधकर्ताओं ने अल्जाइमर के एक रोगी पर शोध करके उसमें एक अनुवांशिक गुण की पहचान की है, जिससे 60 साल से ज्यादा आयु होने के बाद भी इस रोग से लड़ने की उसकी क्षमता बनी रह सकती है। यह रोगी देर से अल्जाइमर से पीड़ित हुआ था जबकि इसकी पीढ़ी में अल्जाइमर से जल्द पीड़ित होने के मामले सामने आ चुके थे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: शोधकर्ताओं ने अल्जाइमर के एक रोगी पर शोध करके उसमें एक अनुवांशिक गुण की पहचान की है, जिससे 60 साल से ज्यादा आयु होने के बाद भी इस रोग से लड़ने की उसकी क्षमता बनी रह सकती है। यह रोगी देर से अल्जाइमर से पीड़ित हुआ था जबकि इसकी पीढ़ी में अल्जाइमर से जल्द पीड़ित होने के मामले सामने आ चुके थे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अमेरिका के मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल (एमजीएच) और ‘मास आई एंड ईयर’ के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं ने कहा कि 2019 में उसी व्यक्ति के परिवार में एक मामला सामने आया था, लेकिन इस रोगी में जो अनुवांशिक गुण मिला है, वह पिछले व्यक्ति के जीन में मिले गुण से अलग है। इस शोध के जरिए भविष्य में अल्जाइमर के ईष्टतम उपचार की उम्मीद जगी है।
शोधकर्ताओं का शोध ‘नेचर मेडिसिन’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
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‘मास आई एंड ईयर’ के एक सहयोगी वैज्ञानिक, सह-वरिष्ठ लेखक जोसेफ एफ अर्बोलेडा-वेलास्केज़ ने कहा कि 'हमने जिस जेनेटिक वेरिएंट की पहचान की है, वह एक ऐसे मार्ग की ओर इशारा करता है जिससे अल्जाइमर रोग के लक्षणों को काफी हद तक दूर रखा जा सकता है और इससे सुरक्षित रहा जा सकता है।”
'पैसा' म्यूटेशन (प्रेसेनिलिन -1 ई280ए) नामक आनुवंशिक म्यूटेशन वाले दुनिया के सबसे बड़े ज्ञात परिवार के एक सदस्य ने सबसे पहले शोधकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया।
इस म्यूटेशन से पीड़ित व्यक्ति 44 वर्ष की औसत आयु में हल्की संज्ञानात्मक हानि (कॉग्निटिव इंपेयरमेंट) से ग्रस्त होता है, 49 वर्ष की आयु में उसे डिमेंशिया होता है, और 60 के दशक में डिमेंशिया की जटिलताओं के कारण उसकी मौत हो जाती है।
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कोलम्बिया के मेडेलिन में ‘न्यूरोसाइंस ग्रुप ऑफ एंटिओक्विया’ के निदेशक फ्रांसिस्को लोपेरा ने इस परिवार का पता लगाया था और पिछले 30 वर्षों उसपर नजर रख रहे हैं।
शोधकर्ताओं की इस टीम ने पहले इस परिवार की एक महिला पर शोध किया था जो 70 के दशक तक अल्जाइमर से बची रही और 2019 में वह इससे पीड़ित हुई।
इस शोध में शोधकर्ताओं ने “पैसा” म्यूटेशन वाले एक पुरुष का जिक्र किया है, जो 67 वर्ष की आयु तक अल्जाइमर के प्रकोप से बचा रहा। वह 72 वर्ष की आयु में हल्के मनोभ्रंश में चला गया और 74 साल की उम्र में मृत्यु हो गई। दशकों बाद ऐसा हुआ था कि “पैसा” म्यूटेशन वाला कोई व्यक्ति इतने लंबे समय अल्जाइमर के प्रकोप से बचा रहा।