महराजगंज: निक्कू जायसवाल हत्याकांड में नया मोड़, नहीं आया फैसला, केस जिला जज को ट्रांसफर, जानिये क्या हुआ
महराजगंज जिले के चर्चित युवा व्यापारी निक्कू जायसवाल हत्याकांड में अचानक नया मोड़ आ गया है। शुक्रवार को इस केस में फैसला सुनाया जाना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब इस केस की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की बजाय जिला जज करेंगे। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव
महराजगंज: जिले के 20 वर्षीय युवा व्यापारी निक्कू जायसवाल के बहुचर्चित हत्याकांड में शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में फैसला सुनाया जाना था। फैसला जानने की उत्सुकता को लेकर कचहरी में दोनों पक्षों से काफी लोग जमा हुए थे लेकिन तभी यह खबर सामने आयी कि इस केस में फैसला नहीं सुनाया जायेगा क्योंकि यह केस अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत से हटाकर जिला जज की कोर्ट में भेज दिया गया है और अब केस की सुनवाई जिला न्यायाधीश करेंगे। इस खबर के सार्वजनिक होते ही कचहरी में गहमा गहमी बढ़ गयी। अब केस में अगली सुनवाई की तारीख 3 नवंबर निर्धारित की गयी है।
इधर इस खबर के बाद मृतक निक्कू के बड़े भाई अरुण जायसवाल ने डाइनामाइट न्यूज़ पर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और उम्मीद है कि उनके भाई के कातिल को अवश्य कानून के मुताबिक सजा मिलेगी। उन्होंने बताया कि वे पिछले दस साल से इस केस को लड़ रहे हैं और अपने भाई को न्याय दिलाने के लिए वे हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक हर एक दरवाजा खटखटायेंगे।
गौरतलब है कि दस साल पहले निक्कू जायसवाल की बेरहमी से चाकूओं से गला रेतकर हत्या की गयी थी। इस हत्या का आरोपी महराजगंज जिले का कुख्यात मनबढ़ गुंडा अनिल गुप्ता है। यह जिले के टॉप-10 अपराधियों की सूची में शुमार है। जिला प्रशासन गैंगेस्टर लगाकर इसे जेल में ठूंस चुका है। घुघुली थाने का यह संख्या बी. 07 मजारिया हिस्ट्रीशीटर है। जिले के तीन-तीन अलग-अलग जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों ने गुंडा एक्ट लगाकर अलग-अलग कालावधियों में इसे जिला बदर किया है।
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इस पर जिले के कई थानों में हत्या, अवैध वसूली, धनउगाही, सरकारी कामकाज में बाधा, अधिकारियों से मारपीट आदि के संगीन मामलों में करीब एक दर्जन एफआईआर दर्ज है और सभी में पुलिस ने न्यायालय को आरोप पत्र भेज रखे हैं।
बीते दिनों निक्कू जायसवाल के बूढ़े माता-पिता ने इस बात का खुलासा किया था कि उनके बेटे की हत्या के बदले चुप हो जाने की कीमत मर्डर के आरोपी अनिल गुप्ता ने 18 लाख रुपये लगायी थी और कहा था कि ये पैसा लेकर शांत घर बैठ जाओ। बूढ़े माता-पिता ने बताया कि इस कुख्यात गुंडे ने यह भी कहा कि चाहे कितना भी दौड़ लो लेकिन इस केस में उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा।