बिहार के मुख्य सचिव ने किया शिक्षकों की बहाली को लेकर ‘‘नो डोमिसाइल’’ नीति का बचाव, पढ़िए पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने शिक्षकों की भर्ती के लिए देश के किसी भी ‘‘ नागरिक’’ को आवेदन करने का मौका देने के नीतीश कुमार सरकार के निर्णय का बचाव करते हुए इसे संविधान और उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों के अनुरूप बताया है।

बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी
बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी


पटना: बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने शिक्षकों की भर्ती के लिए देश के किसी भी ‘‘ नागरिक’’ को आवेदन करने का मौका देने के नीतीश कुमार सरकार के निर्णय का बचाव करते हुए इसे संविधान और उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों के अनुरूप बताया है।

मुख्य सचिव का बयान अन्य राज्यों के लोगों को बिहार में शिक्षक की नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देने के नीतीश कुमार सरकार के विवादास्पद फैसले के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के बीच आया है।

सुबहानी ने कहा, ‘‘ बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के माध्यम से स्कूल शिक्षकों की नई भर्ती के लिए राज्य का निवासी होने की आवश्यकता को वापस लेने का सरकार का निर्णय संवैधानिक रूप से सही और कानूनी रूप से उचित है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 16 (2) स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राज्य में किसी भी नियोजन या पद के लिए धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, उदभव, जन्म स्थान, निवास के आधार पर न तो कोई नागरिक अपात्र होगा और न ही उससे विभेद किया जाएगा ।’’

उन्होंने सोमवार को कहा, ‘‘इसलिए शिक्षकों की नौकरियों के लिए डोमिसाइल नीति को हटाने का राज्य मंत्रिमंडल का निर्णय संविधान के प्रावधानों के अनुसार लिया गया है।’’

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सुबहानी ने कहा, ‘‘इससे पहले भी राज्य में शिक्षकों की भर्ती डोमिसाइल नीति के बिना की गयी है। 2012 के भर्ती नियमों के प्रावधानों के अनुसार राज्य में 1.68 लाख शिक्षकों की भर्ती की गई थी। अन्य राज्यों के उम्मीदवारों के लिए ऐसी नौकरियों के लिए आवेदन करने का अवसर था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षकों के 1.68 लाख पदों में से राज्य के बाहर के केवल 3400 उम्मीदवारों का चयन किया गया था। किसी भी स्थिति में 50 प्रतिशत सीटें विभिन्न श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रखी गई हैं और इसका लाभ केवल वे ही उठा सकते हैं जो मूल निवासी हैं।’’

मुख्य सचिव ने सरकार के इस निर्णय के पीछे के कारण को बताते हुए कहा, ‘‘इससे पूर्व जब राज्य सरकार ने यह घोषणा की थी कि जो बिहार के मूल निवासी हैं, केवल वे ही शिक्षकों की नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं, तब संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के उल्लंघन बताते हुए अदालतों में कई रिट दायर की गईं थीं।’’

राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ विद्यार्थियों/ नौकरियों के लिए अभ्यर्थियों के विरोध का समर्थन करने वाले शिक्षकों के एक वर्ग के बारे में पूछे जाने पर मुख्य सचिव ने कहा, ‘‘किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।’’

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बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने कहा, ‘‘जिन राज्यों ने भर्तियों में डोमिसाइल का प्रावधान किया था, उन्होंने अदालतों के हस्तक्षेप के बाद इसे या तो वापस ले लिया या फिर ऐसा करने वाले हैं ।’’

उल्लेखनीय है नीतीश कुमार मंत्रिमंडल द्वारा 27 जून को बिहार में शिक्षकों की भर्ती के लिए राज्य के नागरिक की शर्त हटाने के नीतीश कुमार सरकार के निर्णय का विपक्षी पार्टी भाजपा के साथ-साथ प्रदेश की महागठबंधन सरकार का बाहर से समर्थन कर रही भाकपा माले ने आलोचना की है।










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