बिहार सरकार ने 20,000 करोड़ रुपये की ग्लूकोनाइट, लौह अयस्क खदानों के लिए नीलामी प्रक्रिया शुरू की

डीएन ब्यूरो

बिहार सरकार ने रोहतास और जमुई जिलों में लगभग 20,000 करोड़ रुपये की ग्लूकोनाइट और लौह अयस्क खदानों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

बिहार सरकार ने लौह अयस्क खदानों के लिए शुरू की नीलामी प्रक्रिया  (फाइल फोटो)
बिहार सरकार ने लौह अयस्क खदानों के लिए शुरू की नीलामी प्रक्रिया (फाइल फोटो)


पटना: बिहार सरकार ने रोहतास और जमुई जिलों में लगभग 20,000 करोड़ रुपये की ग्लूकोनाइट और लौह अयस्क खदानों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि सरकार इसके वास्ते एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए ‘एसबीआई कैपिटल मार्केट्स’ की सेवा लेगी।

अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं खदान आयुक्त हरजोत कौर ने कहा कि सरकार ने नीलामी प्रक्रिया शुरू करने के लिए हाल में कई हितधारकों के साथ बैठक की।

कौर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘राज्य सरकार जल्द ही एसबीआई कैपिटल मार्केट्स को लेन-देन सलाहकार के रूप में नियुक्त करने के लिए एक आदेश जारी करेगी। साथ ही फर्म उन नियमों और शर्तों का भी सुझाव देगी, जिनके आधार पर नीलामी आयोजित की जाएगी।’’

यह भी पढ़ें | बिहार में मिले इन महत्वपूर्ण खनिजों के भंडार, अब नीलामी की तैयारी, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एसबीआई कैप्स- निवेश बैंक और परियोजना सलाहकार- से एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

खदान आयुक्त ने कहा, ‘‘रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार रोहतास और जमुई जिलों में 20,000 करोड़ रुपये के ग्लूकोनाइट और लौह अयस्क के भंडार को पट्टे के आधार पर खनन की अनुमति देने की प्रक्रिया शुरू करेगी।’’

उल्लेखनीय है कि ग्लूकोनाइट, उर्वरकों में पोटेशियम का एक सामान्य स्रोत है, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में उपयोगी है, जबकि लौह अयस्क स्टील बनाने के लिए आवश्यक कच्चा माल है।

कौर ने कहा कि पूर्व में ऐसी धारणा थी कि वर्ष 2000 में झारखंड के गठन के बाद बिहार ने अपनी खनिज संपदा खो दी थी।

यह भी पढ़ें | मां के हाथों से खाना खाकर भावुक हुए तेज प्रताप, फोटो शेयर मां के लिखी ये लाइन

उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में, बिहार के पास अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त खनिज संसाधन हैं।’’

झारखंड के गठन के बाद यह पहली बार है, जब बिहार सरकार ने राज्य के खनिज भंडार के लिए खनन गतिविधियों की अनुमति देने की प्रक्रिया शुरू की है।










संबंधित समाचार