बिहार सरकार राज्य में बनायेगी ये नया विभाग, जानिये 'सशस्त्र खनन पुलिसबल' की खास बातें
बिहार में अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य खान एवं भूतत्व विभाग अपनी समर्पित 'सशस्त्र खनन पुलिसबल' बनाने जा रहा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
पटना: बिहार में अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य खान एवं भूतत्व विभाग अपनी समर्पित 'सशस्त्र खनन पुलिसबल' बनाने जा रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बिहार खान एवं भूतत्व विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि 'सशस्त्र खनन पुलिस बल' के लिए बिहार औद्योगिक सुरक्षा बल की तर्ज पर दो समर्पित बटालियन बनाई जाएगी। अंतिम योजना/प्रस्ताव के अनुसार 'खनन पुलिस बल' में 1,278 सशस्त्र कर्मी शामिल होंगे।
अधिकारी ने कहा, 'भोजपुर और भागलपुर जिलों में जहां अवैध बालू खनन गतिविधियों की अक्सर सूचना मिलती है, वहां खनन पुलिस की स्थायी चौकी बनाने का भी निर्णय लिया गया है। सशस्त्र खनन पुलिस बल को बिहार पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में हथियारों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सशस्त्र खनन सुरक्षाकर्मी समन्वय के साथ काम करेंगे।'
खान और भूतत्व विभाग के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि सशस्त्र खनन पुलिस बल के गठन के अंतिम प्रस्ताव को जल्द ही सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
यह भी पढ़ें |
Sand Mining In Bihar: बिहार में रेत माफियाओं के सामने पुलिस हुई लाचार, अवैध खनन जोरों पर
राज्य बालू माफियाओं द्वारा हिंसक हमलों की घटनाओं का गवाह रहा है जिसमें पुलिसकर्मी और खान और भूतत्व विभाग के अधिकारी घायल हुए हैं।
अधिकारी ने कहा, 'इस तरह की घटनाएं मुख्य रूप से पटना, भोजपुर, रोहतास, औरंगाबाद, सारण और वैशाली जिलों से सामने आती हैं। हाल ही में, अप्रैल में बिहटा (पटना के पास) में अवैध खनन के खिलाफ एक अभियान के दौरान दो महिला निरीक्षकों सहित तीन खनन अधिकारियों पर बदमाशों ने हमला किया था।’’
उन्होंने बताया कि घटना के तुरंत बाद, विभाग ने हथियार प्रशिक्षण (दो सप्ताह की अवधि) प्रदान करने का फैसला किया और भविष्य में इस तरह के हमलों का मुकाबला करने के लिए लगभग 30 महिला अधिकारियों सहित अपने सभी 90 निरीक्षकों को प्रशिक्षण दिए जाने का निर्णय लिया।
बिहार की अपर मुख्य सचिव-सह-खान आयुक्त हरजोत कौर बमराह ने संपर्क करने पर कहा, 'हां, हमारे (विभाग के) पास जल्द ही समर्पित 'सशस्त्र खनन पुलिस' होगी। प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है।'
यह भी पढ़ें |
पटना में बारातियों से भरी जीप दुर्घटनाग्रस्त, 4 मरे
राज्य में खनन से संबंधित नियमों को सख्ती से लागू करने के प्रयास में, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने विभाग के लिए एक सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जो पूरी खदान गतिविधि पर नजर रखेगा और खदान से डिपो और अन्य निर्दिष्ट गंतव्य तक बालू ले जाने वाले ट्रकों को ट्रैक करेगा। ।
'खानसॉफ्ट' नामक यह सॉफ्टवेयर एनआईसी द्वारा बिहार खान और भूविज्ञान विभाग के लिए विकसित किया गया है।
बालू खनन से राजस्व संग्रह में भारी वृद्धि दर्ज करते हुए विभाग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड 1,384.46 करोड़ रुपये की कमाई की।