Bihar: पार्टी मार्च के दौरान पुलिस की लाठीचार्ज, भाजपा नेता की मौत से गर्माया माहौल, जानें पूरा मामला
भारतीय जनता पार्टी के बिहार इकाई के एक नेता की बृहस्पतिवार को यहां विधानसभा की ओर पार्टी के मार्च के दौरान पुलिस की लाठीचार्ज के बाद हुई ‘‘मौत’’ पर विवाद शुरू हो गया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
पटना: भारतीय जनता पार्टी के बिहार इकाई के एक नेता की बृहस्पतिवार को यहां विधानसभा की ओर पार्टी के मार्च के दौरान पुलिस की लाठीचार्ज के बाद हुई ‘‘मौत’’ पर विवाद शुरू हो गया है।
विपक्षी भाजपा ने आरोप लगाया है कि पार्टी के जहानाबाद जिले के महासचिव की पुलिस द्वारा ‘‘क्रूरता पूर्वक’’ लाठीचार्ज में घायल होने के कारण मौत हो गयी । हालांकि, स्थानीय प्रशासन कुछ ही देर बाद इस प्रकार की घटना से इंकार कर दिया।
एक बयान में, पटना में जिला प्रशासन ने कहा कि जहानाबाद जिले के रहने वाले विजय कुमार सिंह ‘‘सड़क के किनारे बेहोश पाए गए थे ।’’
बयान में कहा गया है कि उनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं हैं। इसमें कहा गया है कि सिंह को पीएमसीएच (पटना मेडिकल कालेज एवं असताल) ले जाया गया है ।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस बीच, यह अफवाह फैल गयी कि सिंह की मौत हो गयी है। वह यहां नीतीश कुमार सरकार की शिक्षक भर्ती नीति के खिलाफ ‘‘विधानसभा मार्च’’ में शामिल होने के लिए आए थे ।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘बिहार पुलिस द्वारा पटना, जहानाबाद जिले में गिरफ्तार किए गए जी एस विजय कुमार सिंह की पुलिस द्वारा क्रूरतापूर्वक किए गए लाठीचार्ज में मौत हो गई।’’
पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने ट्वीट कर दावा किया कि पटना में भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज राज्य सरकार की विफलता और आक्रोश का नतीजा है ।
उन्होंने कहा, ‘‘बिहार की महागठबंधन सरकार भ्रष्टाचार के अपने गढ़ को बचाने के लिये लोकतंत्र पर हमला कर रही है । एक ऐसे व्यक्ति को बचाने के लिये बिहार के मुख्यमंत्री अपनी नैतिकता को भी भूल गये हैं जिसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल है।
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नड्डा बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना, राजद नेता का हवाला दे रहे थे जिनके खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने भूमि घोटाले में आरोप पत्र दायर किया है।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने आश्चर्य जताया कि क्या बिहार में इस समय ‘‘अघोषित आपातकाल’’ है?