नाराज़ शरद यादव को केंद्र में मंत्री पद का ऑफर!
वरिष्ठ नेता शरद यादव के बगावती तेवर से बीजेपी-जदयू परेशान है, अब नीतीश विरोधी नेताओं के साथ बैठक कर शरद आगे की रणनीति तय करेंगे।
नई दिल्ली: जल्दबाजी में नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़ बीजेपी के रथ पर सवार तो हो गए, परंतु उनकी पार्टी में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। नीतीश कुमार और बीजेपी को संभवत: यह आशंका थी कि उनके इस निर्णय के विरोध में जदयू में स्वर उठेंगे। इसलिए दोनों पार्टियों ने किसी फिल्मी ‘पटकथा’ की योजना की तरह सरकार के गठन में जल्दबाजी दिखाई। अब, शपथ ग्रहण समारोह से दूर रहने वाले जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने नीतीश के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। बृहस्पतिवार को शरद यादव की जहां राहुल गांधी से मिलने की खबर है वहीं, शाम को वे अपने आवास पर अली अनवर जैसे बगावती नेताओं के साथ बैठक कर आगे की रणनीति बनाने की भी जानकारी है।
डर है कुछ विधायकों को तोड़ न लें शरद
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शरद यादव के इस विद्रोही तेवर को शांत करने की कवायद में बीजेपी लग गई है। माना जा रहा है कि बीजेपी शरद यादव को केंद्र में मंत्री बनने का ऑफर दे सकती है। बीजेपी व जदयू को डर है कि शरद यादव अपने पार्टी के कुछ विधायकों को विरोध में खड़ा न कर दें।
बुधवार देर रात राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने भी कहा था कि जदयू के कई विधायक उनके संपर्क में हैं। अगर सरकार बनाने का मौका उन्हें मिलता है तो वे बहुमत सिद्ध कर देंगे। माना जा रहा है कि जदयू के यादव व मुसलिम विधायकों पर राजद की नज़र है। इसलिए बीजेपी व नीतीश कुमार शरद यादव के विद्रोही तेवर से परेशान हैं।
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शरद यादव ने मीडिया से बातचीत में नीतीश का खुलकर विरोध किया और कहा, 'नीतीश कुमार ने सरकार बनाने का फैसला बहुत जल्दबाजी में लिया है। गठबंधन तोड़कर इतनी जल्दी बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाने के फैसले का मैं समर्थन नहीं करता हूं।' इसके बाद उनकी राहुल गांधी से मिलने की खबर भी जदयू-बीजेपी के लिए परेशानी भरा है। अब, नज़रें शरद यादव की बैठक पर है।