महाराष्ट्र सरकार को बंबई हाई कोर्ट का ये बड़ा आदेश, पढ़ें पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वह सरकारी शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में ट्रांसजेंडर को आरक्षण देने पर विचार करे। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

बंबई हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
बंबई हाई कोर्ट (फाइल फोटो)


मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वह सरकारी शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में ट्रांसजेंडर को आरक्षण देने पर विचार करे।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एस.वी. गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति संदीप एम. की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा गठित एक समिति को इस मुद्दे पर विचार करने और सात जून तक एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

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जब महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने और समय मांगा तो अदालत ने टिप्पणी की, ‘‘अगर तलवार लटक रही है, तो चीजें तेजी से आगे बढ़ती हैं।’’

इंजीनियरिंग में डिग्री धारक ट्रांसजेंडर विनायक काशिद ने एक याचिका दायर की है, जिसमें महाट्रांसको द्वारा बड़े पैमाने पर भर्ती के लिए मई में जारी विज्ञापन में संशोधन का निर्देश देने का अनुरोध किया गाया है, ताकि ट्रांसजेंडर श्रेणी को इसमें शामिल किया जा सके।

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काशिद की ओर से पेश वकील क्रांति एल.सी. ने अदालत को सूचित किया कि कर्नाटक में सभी जाति श्रेणियों में ट्रांसजेंडर के लिए एक प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है। उन्होंने अनुरोध किया कि ऐसी आरक्षण नीति महाराष्ट्र में भी अपनाई जाए।










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