बीआरएस नेता के. कविता ने ईडी को दिखाया अपना फोन, किया इन दावों से इंकार

डीएन ब्यूरो

तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान परिषद सदस्य के. कविता ने नयी दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पूछताछ के लिए जाने से पहले अपने पुराने फोन दिखाये। उन्होंने एजेंसी के इस दावे पर कड़ा ऐतराज जताया कि उन्होंने अन्य कुछ पुराने फोन नष्ट कर दिये हैं। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

बीआरएस नेता के. कविता
बीआरएस नेता के. कविता


हैदराबाद/नयी दिल्ली: तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान परिषद सदस्य के. कविता ने नयी दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पूछताछ के लिए जाने से पहले अपने पुराने फोन दिखाये। उन्होंने एजेंसी के इस दावे पर कड़ा ऐतराज जताया कि उन्होंने अन्य कुछ पुराने फोन नष्ट कर दिये हैं।

ईडी कार्यालय में प्रवेश से पहले कविता ने मीडियाकर्मियों को अपने पुराने फोन दिखाये। वह आज लगातार दूसरे दिन पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने पेश हुई हैं।

कविता ने ईडी के एक अधिकारी को अलग से पत्र लिखकर कहा है कि वह अपने सभी फोन जमा कर रही हैं जो उन्होंने अतीत में इस्तेमाल किए होंगे और जो अधिकारी ने मांगें हैं।

उन्होंने कहा कि उनके अधिकार को लेकर और इस दलील को लेकर किसी पूर्वाग्रह के बिना ये फोन जमा किये गये हैं कि क्या किसी महिला के निजता के अधिकार का खंडन करते हुए उसके फोन में तांकझांक की जा सकती है।

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कविता ने कहा, ‘‘मैं इस अवसर पर एजेंसी की ओर से किये गये दुर्भावना के स्पष्ट कार्य की ओर इशारा करना चाहूंगी जिसने नवंबर 2022 में कुछ अन्य अभियुक्तों के खिलाफ दायर अभियोजन की शिकायत में मेरे खिलाफ आरोप लगाने का विकल्प चुना और आरोप लगाया गया है कि कुछ फोन नष्ट कर दिए गए हैं।’’

उन्होंने कहा कि वह समझ नहीं पा रहीं कि एजेंसी ने कैसे, क्यों और किन परिस्थितियों मेंं इस तरह के आरोप लगाये हैं, जबकि ‘‘मुझे तलब तक नहीं किया गया और कोई प्रश्न नहीं पूछा गया।’’

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने यह दावा भी किया कि एजेंसी ने उन्हें सबसे पहली बार इस साल मार्च महीने में बुलाया था।

उन्होंने कहा कि इसलिए उनके पास यह मानने की वजह है कि नवंबर 2022 में उनके खिलाफ आरोप न केवल दुर्भावनापूर्ण, गलत सोच पर आधारित थे, बल्कि नुकसान पहुंचाने वाले भी थे।

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उन्होंने कहा कि जनता को 'झूठे आरोप जानबूझकर लीक करने' से राजनीतिक रस्साकशी बढ़ी है, जिसमें उनके राजनीतिक विरोधी आरोपों की झड़ी लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में उन पर तथाकथित सबूत नष्ट करने के आरोप लग रहे हैं, उनकी प्रतिष्ठा को बहुत नुकसान पहुंचाया जा रहा है और उन्हें तथा उनकी पार्टी को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है।

कविता ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य की बात है कि प्रवर्तन निदेशालय जैसी प्रमुख एजेंसी इन कृत्यों में शामिल हो रही है और निहित राजनीतिक हितों की कीमत पर निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच के अपने पवित्र कर्तव्य को नुकसान पहुंचा रही है।’’

उन्होंने कहा, इसलिए वह उन सभी फोन को पेश कर रही हैं ताकि इस धारणा को खारिज किया जा सके जो एजेंसी बनाने का प्रयास कर रही है।

के. कविता (44) दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुईं। वह पूर्वाह्न 11:30 बजे ईडी कार्यालय पहुंचीं।










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