विकास दुबे कांड के संदिग्ध आईपीएस अनंत देव की एसटीएफ से हुई छुट्टी, डाइनामाइट न्यूज़ की खबर का बंपर असर

जय प्रकाश पाठक

सोमवार को डाइनामाइट न्यूज़ पर ताबड़तोड़ दो खबरें आईपीएस अनंत देव के बारे में प्रकाशित हुई थीं और इसके बाद राज्य सरकार ने आखिरकार उनकी छुट्टी कर ही दी। इससे पहले अनंत देव जब गोरखपुर में एसएसपी होते थे तब पुरानी सरकार के मुखिया अखिलेश यादव इन्हें सस्पेंड कर चुके हैं। पूरी खबर:

अनंत देव (फाइल फोटो)
अनंत देव (फाइल फोटो)


लखनऊ: विकास दुबे कांड के कारण संदिग्ध भूमिका के दायरे में आये आईपीएस अनंत देव की एसटीएफ से छुट्टी कर दी गयी है। 

एसटीएफ के डीआईजी पद से पहले अनंत लंबे समय तक कानपुर के एसएसपी थे, इस दौरान उन पर मोस्ट वांटेड विकास दुबे को संरक्षण देने का आरोप प्रथम दृष्टया जांच में सही मिला है। 

अनंत को एसटीएफ से हटाकर मुरादाबाद पीएसी का डीआईजी बनाया गया है।

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अनंत के बारे में खास बात ये है कि ये 2013 में प्रमोशन पाकर आईपीएस बने और तब से लेकर आज तक कभी जिले के चार्ज से नहीं हटे। सिद्दार्थनगर से लेकर, आजमगढ़, प्रतापगढ़, मुजफ्फरनगर, गोरखपुर, फैजाबाद, कानपुर में ये लगातार एसएसपी रहे। सात साल से लगातार ये आधा दर्जन से ज्यादा महत्वपूर्ण जिलों के एसएसपी रहे। हर जगह इन्होंने मलाई काटी। 

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यूपी में चार आईपीएस के तबादले

गोरखपुर के एसएसपी रहने के दौरान अनंत देव के एक मातहत पुलिसवाले ने गोरखपुर जिले में  पुलिसिया हिरासत में एक पीड़ित की गुप्तांग में डंडा डाल दिया था, जिसकी जांच तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने करायी,जांच में शिकायत सही मिलने पर अखिलेश यादव ने कड़ा एक्शन लेते हुए इन्हें निलंबित कर दिया था। अनंत के पूरे नौकरी के कार्यकाल में यही एक मात्र अवसर आया जब इन पर सख्त एक्शन लिया गया, उस समय भी काफी जुगाड़ लगाया गया कि इसे बख्श दिया जाय लेकिन अखिलेश ने किसी की एक न सुनी और अनंत के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए निलंबित कर दिया।

2006 बैच के प्रमोटेड आईपीएस अनंत के साथी बताते हैं कि इसके बाद इन्हें जुगाड़ से फैजाबाद जिले की कप्तानी मिली, इसी बीच विधानसभा के चुनाव आये और अयोध्या के साधु-संतो को साध ये अपनी पैठ भाजपा में बना मुजफ्फरनगर के कप्तान बन गये।

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इनको शहीद सीओ ने पत्र लिख विकास दुबे और उसके मददगार चौबेपुर के तत्कालीन थानेदार विनय तिवारी के बारे में बताया था लेकिन इन्होंने न जाने किस लालच में कोई कार्यवाही नहीं की। इधर विकास के सहयोगी जय बाजपेयी के साथ भी अनंत देव की फोटो वायरल हुई है। 

विकास दुबे के खिलाफ कार्यवाही को लेकर कानपुर के वर्तमान एसएसपी दिनेश कुमार पी. और आईजी रेंज मोहित अग्रवाल की भी भूमिका संदिग्ध है। कल इन दोनों ने वायरल पत्र के मामले पर विरोधाभासी बयान दिया था, जिसकी खबर विस्तार से डाइनामाइट न्यूज़ पर प्रकाशित हुई थी। इन दोनों की जोड़ी अब तक विकास दुबे को पकड़ने में नाकाम है।

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लखनऊ से अंदर की खबर ये है कि अनंत के बाद अगली गाज इन दोनों पर गिरने वाली है।  

 

 

 










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