महराजगंज: प्रदेश के सभी जिलो में हर घर संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने को लेकर लगाई गई शिविर
प्रशिक्षण शिविर के द्वारा घर–घर संस्कृत भाषा को पहुंचने का प्रयास किए जाने पर चर्चा हुआ। डाइनामाइट न्यूज पर पूरी ख़बर
महराजगंज: उत्तर प्रदेश सरकार के भाषा विभाग के अधीन उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान ने गृहे-गृहे संस्कृत योजना के अन्तर्गत निरालानगर के एक गेस्ट हाउस में सप्तदिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक विनय श्रीवास्तव ने प्रशिक्षुओं तथा प्रशिक्षकों को प्रमाण पत्र वितरित कियें ।
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महराजगंज मे नियुक्त हुए प्रशिक्षक दिवाकर मणि त्रिपाठी ने बताया कि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान जल्द ही जनपद स्तर पर अपने समन्वयकों को स्थापित कर प्रथम चरण में संस्कृत भाषा को घर-घर की भाषा बनाने का प्रयास करेगा।
द्वितीय चरण में प्रत्यक्ष संस्कृत प्रशिक्षण का कार्य किया जायेगा । जिसमें विद्यालयों, ग्राम पंचायतों, ग्राम प्रधानों व आंगनवाड़ी केंद्र इत्यादि का सहयोग लिया जायेगा।
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प्रशिक्षण प्रमुख सुधिष्ठ मिश्र ने प्रशिक्षण का इतिवृत्त कहां तथा प्रशिक्षुओं को भाषा शिक्षण के लिए प्रेरित किया। योजना सर्वेक्षक डॉ चंद्रकलाशाक्या ने कहां कि यद्यपि संस्थान ऑन लाईन संस्कृत भाषा शिक्षण, योग प्रशिक्षण, वास्तु एवं ज्योतिष, पौरोहित्य कर्मकांड इत्यादि योजनाओं संचालित करता हैं तथापि ये घर-घर संस्कृत की योजना अनूठी योजना हैं जिसके समग्र प्रदेश संस्कृत मय होगा।
प्रशासनिक अधिकारी दिनेश मिश्र ने कहां कि सिविल सेवा परीक्षा निःशुल्क कोचिंग, कंप्यूटर द्वारा संस्कृत शिक्षण, पुस्तकालय, छात्रवृत्ति प्रशासन अनुदान योजना पांडुलिपि अनुसंधान इत्यादि समस्त योजनाओं को पोर्टल के माध्यम से व्यक्ति घर बैठे सुविधा प्राप्त कर सकता हैं।
समागत प्रख्यात भाषाविद् टीकारामपाण्डेय ने अपने उद्बोधन से भाषा को प्रचारित प्रसारित करने हेतु प्रशिक्षुओं का मार्गदर्शन किया।