अमृतपाल से जुड़े पांच लोगों के खिलाफ रासुका के तहत मामला दर्ज ; उपदेशक का चाचा, वाहन चालक गिरफ्तार
पंजाब पुलिस ने सोमवार को कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह से जुड़े पांच लोगों के खिलाफ कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लागू करते हुए मामले में ‘‘आईएसआई पहलू’’ होने की आशंका जताई। वहीं अमृतपाल के समूह ‘‘वारिस पंजाब दे’’ के खिलाफ जारी राज्यव्यापी कार्रवाई के बीच उसके चाचा हरजीत सिंह और वाहन चालक हरप्रीत सिंह ने रविवार मध्यरात्रि को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
पंजाब: पुलिस ने सोमवार को कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह से जुड़े पांच लोगों के खिलाफ कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लागू करते हुए मामले में ‘‘आईएसआई पहलू’’ होने की आशंका जताई। वहीं अमृतपाल के समूह ‘‘वारिस पंजाब दे’’ के खिलाफ जारी राज्यव्यापी कार्रवाई के बीच उसके चाचा हरजीत सिंह और वाहन चालक हरप्रीत सिंह ने रविवार मध्यरात्रि को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
अधिकारियों के अनुसार ‘‘वारिस पंजाब दे’’ के खातों को संभालने वाला हरजीत सिंह उन पांच लोगों में शामिल है, जिनके खिलाफ रासुका के तहत मामला दर्ज किया गया है। रासुका के तहत ऐसे किसी भी व्यक्ति को एहतियाती तौर पर हिरासत में लेने की अनुमति होती है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा या लोक व्यवस्था के लिए खतरा होता है।
पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि विशेष इकाइयां उपदेशक को पकड़ने के प्रयासों में शामिल हैं, जो शनिवार को जालंधर जिले में एक कार का पीछा करने के दौरान पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था।
गिल ने संकेत दिया कि ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल को भी रासुका के तहत हिरासत में लिया जा सकता है। पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘गिरफ्तारी के बाद उसके खिलाफ रासुका के तहत मामला दर्ज जा सकता है और बाकी तथ्य आपको स्पष्ट कर दिए जाएंगे।’’
आईजी ने कहा कि पुलिस को इस मामले में ‘आईएसआई पहलू’ और विदेशी वित्तपोषण की आशंका है और आगे की जांच जारी है।
सिंह की तलाश सोमवार को तीसरे दिन भी जारी रही और राज्य की पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है।
पुलिस के अनुसार, अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और चालक हरप्रीत सिंह ने रविवार देर रात जालंधर के मेहतपुर इलाके में एक गुरुद्वारे के पास आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण के समय पुलिस उप महानिरीक्षक (सीमा क्षेत्र) नरिंदर भार्गव और अन्य पुलिस अधिकारी भी वहां मौजूद थे।
आत्मसमर्पण के दौरान बनाए गए एक वीडियो में, हरजीत को अपनी लाइसेंसी .32 बोर पिस्तौल और सवा लाख रुपये नकदी दिखाते हुए देखा जा सकता है, जिसे वह मर्सिडीज कार में ले जा रहा था। बाद में पुलिस ने उसे जब्त कर लिया।
अधिकारियों ने कहा कि हरजीत और हरप्रीत को अमृतसर (देहात) पुलिस अपने साथ ले गई।
उन्होंने कहा कि हरजीत ने गायक-कार्यकर्ता दीप सिद्धू द्वारा स्थापित संगठन 'वारिस पंजाब दे' के खातों को संभालने में अमृतपाल की मदद की। हरजीत को अक्सर अमृतपाल के साथ देखा जाता था। सड़क दुर्घटना में सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल संगठन का प्रमुख बना था।
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जालंधर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) स्वर्णदीप सिंह ने कहा, ‘‘अमृतपाल की तलाश अब भी जारी है।’’
इससे पहले पुलिस ने अमृतपाल के काफिले में शामिल दो वाहनों को जब्त कर लिया था। सोशल मीडिया पर प्रसारित सीसीटीवी फुटेज में शनिवार को, पुलिस द्वारा अमृतपाल की गाड़ी का पीछा करते हुए देखा गया था।
इस बीच, पंजाब सरकार ने मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस (संदेश) सेवाओं पर रोक मंगलवार दोपहर तक बढ़ा दी है।
गृह विभाग तथा न्याय विभाग की ओर से सोमवार को जारी किए गए आदेशानुसार, ‘‘यह निर्देश दिया जाता है कि सभी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं (2जी/3जी/4जी/5जी/सीडीएमए/जीपीआरएस), सभी एसएमएस सेवाएं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली वॉयस कॉल के अलावा सभी डोंगल सेवाएं पंजाब में 20 मार्च (दोपहर 12 बजे से) से 21 मार्च (दोपहर 12 बजे) तक लोक सुरक्षा के हित में, किसी भी तरह की हिंसा को रोकने, शांति तथा सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए निलंबित कर दी जाएं।’’ अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ब्रॉडबैंड सेवाओं को निलंबित नहीं किया जा रहा है, ताकि बैंकिंग सुविधाएं, अस्पताल सेवाएं और अन्य आवश्यक सेवाएं बाधित न हों।
राज्य के अधिकारियों ने शनिवार को रविवार दोपहर तक इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर रोक लगा दी थी। इसके बाद इसे सोमवार दोपहर तक बढ़ाया गया था।
पुलिस ने अमृतपाल और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के खिलाफ शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई शुरू की थी। हालांकि, जालंधर जिले में सिंह के काफिले को रोके जाने के बाद वह वहां से भाग निकला था।
पुलिस ने रविवार को राज्य में ‘फ्लैग मार्च’ किया तथा उसके 34 और समर्थकों को गिरफ्तार किया एवं चार लोगों को हिरासत में लेकर सुदूर असम की एक जेल में स्थानांतरित कर दिया।
अमृतपाल के नेतृत्व वाले 'वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों और राज्य में शांति व सद्भाव को भंग करने का प्रयास करने वालों के खिलाफ जारी मौजूदा अभियान के तहत राज्य की पुलिस अभी तक 112 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
अमृतपाल के खिलाफ यह कार्रवाई अमृतसर के नजदीक अजनाला थाने की घटना के कुछ हफ्तों बाद की जा रही है। अजनाला थाने को अमृतपाल समर्थकों ने घेर लिया था और पुलिस को यह आश्वासन देने को मजबूर किया था कि उसके एक साथी को रिहा कर दिया जाएगा।
इस प्रकरण ने सीमावर्ती राज्य में खालिस्तानी उग्रवाद की वापसी की आशंका पैदा कर दी।
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शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कार्रवाई को लेकर ‘‘कठपुतली आम आदमी पार्टी सरकार’’ पर निशाना साधा और इसे ‘‘अघोषित आपातकाल और राज्य में दमन व आतंक की सरकार’’ कहा।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने पिछले कुछ दिनों में सिख युवकों के खिलाफ की जा रही ‘‘ज्यादतियों’’ की निंदा की है।
पंजाब के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि उन्हें लगातार विदेश से और राज्य के भीतर से लोगों के फोन आ रहे हैं, जो आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सुरक्षित हाथों में है और ऐसे तत्वों को पनपने नहीं दिया जाएगा।
राज्य में ‘हाई अलर्ट’ है। हालांकि, पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने दावा किया कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है और उसने जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
पुलिस ने रविवार को बताया था कि उसने अमृतपाल और उसके समर्थकों के खिलाफ जालंधर में पुलिस नाका तोड़ने और एक गांव में वाहन से हथियार बरामद होने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है।
अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने भी जिले में सिंह के सात सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद शस्त्र अधिनियम के तहत शनिवार रात एक और प्राथमिकी दर्ज की थी।
पुलिस ने आगाह किया है कि अफवाह फैलाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने बताया कि वे विभिन्न देशों, राज्यों और शहरों से फर्जी खबरों और नफरत फैलाने वाले भाषणों पर नजर रख रहे हैं।
अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने कहा कि यह ‘‘दुष्प्रचार’’ है कि उपदेशक के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’ से संबंध हैं और हथियार जमा करने के लिए नशामुक्ति केंद्रों का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने दावा किया कि अमृतपाल सिंह को बदनाम किया जा रहा है।