Kerala: सीबीएफसी अध्यक्ष का फिल्म को दूसरी समीक्षा समिति के पास भेजना था अवैध, केरल उच्च न्यायालय

डीएन ब्यूरो

केरल उच्च न्यायालय ने 1921 के मालाबार विद्रोह पर आधारित एक फिल्म को द्वितीय समीक्षा समिति के पास भेजने के केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के फैसले को दरकिनार कर दिया है और कहा कि यह ‘अवैध’ है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

केरल उच्च न्यायालय (फाइल फोटो)
केरल उच्च न्यायालय (फाइल फोटो)


कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने 1921 के मालाबार विद्रोह पर आधारित एक फिल्म को द्वितीय समीक्षा समिति के पास भेजने के केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के फैसले को दरकिनार कर दिया है और कहा कि यह ‘अवैध’ है।

न्यायमूर्ति एन. नागरेश ने फिल्म के निर्माता-निर्देशक अली अकबर उर्फ रामसिम्हन की याचिका पर विचार करते हुए कहा कि ‘पुझा मुथल पुझा वारे’ फिल्म को द्वितीय समीक्षा समिति के पास भेजना सिनेमाटोग्राफ कानून का उल्लंघन है।

अदालत ने कहा कि यदि अध्यक्ष समीक्षा समिति के बहुमत के फैसले से असहमत होता है तब यह केवल बोर्ड ही है जो फिल्म का अपने आप परीक्षण कर सकता है या दूसरी समीक्षा समिति द्वारा फिर से उसके परीक्षण के लिए कह सकता है।

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उच्च न्यायालय ने 19 दिसंबर के अपने आदेश में कहा, ‘‘इस मामले में, अध्यक्ष ने खुद ही इस फिल्म को दूसरी समीक्षा समिति के पास भेज दिया। अध्यक्ष का उक्त कृत्य अवैध है और सिनेमेटोग्राफ अधिनियम, 1952 तथा सिनेमेटोग्राफ (प्रमाणन) नियमावली, 1983 के विरूद्ध है। ...... (इसलिए) उक्त आदेश को दरकिनार किया जाता है।’’

निर्देशक/निर्माता ने यह फिल्म प्रमानन के लिए सीबीएफसी को 17 मई, 2022 को सौंपी थी।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि सीबीएफसी के क्षेत्रीय अधिकारी ने फिल्म के लिए परीक्षण समिति बनायी और फिल्म के परीक्षण के बाद उसने 25 जून, 2022 को अपनी सिफारिशें सौंपी।

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रामसिम्हन ने अदालत में कहा कि सीबीएफसी ने यह फिल्म एक समीक्षा समिति के पास भेजी थी जिसने पांच अगस्त, 2022 को इस फिल्म की समीक्षा की थी और उसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए उन्हें बुलाया था।

उन्होंने कहा, ‘‘10 सदस्यीय समीक्षा समिति ने तीन के मुकाबले सात के बहुमत से कुछ काट-छांट के साथ इस फिल्म को ‘ए’ प्रमाणपत्र देने का फैसला किया।’’

उन्होंने कहा कि समीक्षा समिति की सिफारिशें सीबीएफसी के सामने रखने के बजाय अध्यक्ष ने फिर फिल्म को दूसरी समीक्षा समिति के पास भेज दिया।










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