Chaitra Navratri: नवरात्रि के तीसरे दिन आज करें मां चंद्रघंटा की पूजा, इस तरह मिलेगा साधना का लाभ
आज नवरात्रि का तीसरा दिन है, आज के दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां दुर्गा का ये रूप भक्तों को रक्षा प्रदान करता है। डाइनामाइट न्यूज़ पर जानिए मां चंद्रघंटा की पूजा करने की विधि।
नई दिल्ली: आज नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा रुप की पूजा की जाती है। मां का यह रूप सुंदर, मोहक और अलौकिक है, मां चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं। साथ ही साधक को दिव्य सुगंधियों का अनुभव भी होता है और उन्हें विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियां भी सुनाई देती हैं। किसी भी साधक के लिए ये पल अत्यंत सावधान रहने के योग्य होता हैं, जिसमें उसे अपनी श्रद्धा को बनाए रखना होता है।
जानिए कैसे करें मां चंद्रघंटा देवी की पूजा
यह भी पढ़ें |
Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि के तीसरे दिन ऐसे करें मां चंद्रघंटा पूजा, जानिए पूरा विधि-विधान
सबसे पहेल देवी चंद्रघंटा की मू्र्ति की स्थापना करें उन्हें गंगा जल से स्नान कराऐं और भुरे व नारंगी रंग के वस्त्र पहनाएं। मां चंद्रघंटा को दुध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है फल- प्रसाद से देवी की पूजा करें फिर वैदिक और सप्तशती मंत्रो का जाप करें मंत्र पढ़ते समय मंदिर की घंटी जरुर बजाएं क्योंकि मां चंद्रघटा की पूजा में घंटे का बहुत महत्व है मान्यता है कि घंटे की ध्वनि से मां चंद्रघंटा अपने भक्तों पर हमेशा अपनी कृपा बरसाती हैं मां को माखने की खीर भोग लगाना श्रेयस्कर माना गया हैं मान्यता है कि ऐसा करने से मां खुश होती है और सभी दुखों का नाश करती हैं। .
मां चंद्रघंटा की साधना से मिलता है यह लाभ
यह भी पढ़ें |
चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन ऐसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना
नवरात्रि की तृतीय देवी चंद्रघंटा मणिपुर चक्र पर विराज कर मानव सृष्टि से भय का उन्मूलन कर साहस और ऊर्जा का संचार करती है। दस पंखुडियों वाला चक्र दस प्राणों को यथा प्राण , व्यान , अपान , समान , उदान , कूर्म , क्रीकल , शेषनाग , देवदत्त व धनंजय को प्रतिबिम्बित करती है। चंद्रघण्टा के जागृत होने से व्यक्ति अनिद्र और चिंता से निर्मुक्ति होकर आंनद , ज्ञान , बौध्दिकता , साफ़गोई और अपने सटीक फैसले से जग जीत लेता है।