Automobile: भारतीय ईवी कंपनियों की वैश्विक हिस्सेदारी पाने की संभावना कम
दुनिया का तीसरा बड़ा वाहन बाजार होने से भारत इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों के लिए एक अहम गंतव्य है लेकिन घरेलू वृद्धि धीमी रहने से किसी भी भारतीय ईवी कंपनी के वैश्विक आधार बनाने की संभावना कम दिख रही है। पढ़िए पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: दुनिया का तीसरा बड़ा वाहन बाजार होने से भारत इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों के लिए एक अहम गंतव्य है लेकिन घरेलू वृद्धि धीमी रहने से किसी भी भारतीय ईवी कंपनी के वैश्विक आधार बनाने की संभावना कम दिख रही है।
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है। रिपोर्ट के मुताबिक निकट भविष्य में किसी भी भारतीय कंपनी की इलेक्ट्रिक वाहनों के वैश्विक बाजार में उल्लेखनीय हिस्सेदारी होने की संभावना नहीं दिख रही है।
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एसएंडपी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), ईवी बैटरी और ईवी बैटरी सामग्री के लिए दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक और सबसे बड़े बाजार के रूप में एशिया की जगह बनी रहेगी। एशिया ईवी युग के केंद्र में होगा।
रिपोर्ट में कहा गया, ''दुनिया के तीसरे बड़े वाहन बाजार के रूप में भारत ईवी कंपनियों के लिए एक सोचा-समझा गंतव्य है। देश में पिछले साल ईवी की बिक्री बढ़कर दोगुनी से अधिक हो गई। हालांकि, ऐसा कम आधार प्रभाव के चलते हुआ। पिछले 12 महीनों में हल्के वाहनों की कुल बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी दो प्रतिशत से कम है।''
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रिपोर्ट के मुताबिक, ''भारत में वृद्धि की काफी संभावनाएं हैं लेकिन इसके लिए चार्जिंग सुविधा का पर्याप्त विकास करना होगा। घरेलू बाजार में ईवी की धीमी रफ्तार को देखते हुए निकट भविष्य में किसी भी भारतीय कंपनी की इलेक्ट्रिक वाहनों के वैश्विक बाजार में उल्लेखनीय हिस्सेदारी होने की संभावना नहीं है।''