Chhath Puja 2022: आस्था ही नहीं वैज्ञानिक कारणों से भी बेहद खास है छठ महापर्व, जानिए इससे जुड़े रोचक तथ्य

डीएन ब्यूरो

देश कई राज्यों के सबसे बड़े पर्व छठ पूजा की शुरूआत आज से हो चुकी है। तीन दिन का ये पर्व सिर्फ आस्था ही नहीं वैज्ञानिक कारणों से भी बेहद खास है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में जानें छठ पूजा से जुड़े सेहत के रोचक तथ्य

छठ पूजा से जुड़े रोचक तथ्य  (फाइल फोटो)
छठ पूजा से जुड़े रोचक तथ्य (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: देश के कई राज्यों के सबसे बड़े पर्व छठ पूजा की शुरूआत आज से हो चुकी है। तीन दिन का ये पर्व सिर्फ आस्था ही नहीं वैज्ञानिक कारणों से भी बेहद खास है। आज हम आपको डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में छठ पूजा से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बता रहे है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट 

   

इसलिए खाते हैं व्रत से पहले लौकी और भात 
छठ पर्व पर चतुर्थी को लौकी और भात का सेवन करके शरीर व्रत के अनूकूल तैयार हो जाता है।

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गन्‍ने के रस की खीर का महत्व
पंचमी के दिन निर्जला व्रत करने बाद गन्ने के रस और गुड़ से बनी खीर खाने से शरीर को पर्याप्त ग्लूकोज की मात्रा मिलती है। जिससे शरीर को थकान महसूस नहीं होती। 

कैल्शियम से भरपूर होता पर्व का प्रसाद
इस पर्व में बनाए जाने वाले अधिकतर प्रसाद में कैल्शियम की भारी मात्रा मौजूद होती है। जिससे उपवास की स्थिति में शरीर को प्राकृतिक तौर पर कैल्शियम का ज्यादा उपभोग मिलता है।

विटामिन डी  
विटामिन डी प्राप्त करने का सबसे अच्छा स्रोत सूर्य की रोशनी होती है। ऐसा माना जाता हैं कि सूर्योदय और सूर्यास्त के समय की किरणो में विटामिन डी सबसे ज्यादा पाई जाती है। वहीं छठ पूजा में अर्घ्य का समय भी यही होता है।

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विज्ञान के नजरिए से देखें तो व्रत के साथ-साथ सूर्य के ताप से ऊर्जा का संचय करता है। जिससे सर्दी में शरीर स्वस्थ रहता है।

उपवास के बाद भारी भोजन हानिकारक
छठ पूजा में व्रत के बाद अदरक व गुड़ खाकर पर्व को समाप्त किया जाता हैं। आस्था के अनुसार अदरक व गुड़ खाकर व्रत खोलना लाभाकारी होता है। वहीं वैज्ञानिक रूप से देखें तो उपवास के बाद भारी भोजन हानिकारक होता है। 

पाचन तंत्र को बेहर बनाता है उपवास
सर्दी के मौसम शुरू होते ही शरीर में कई तरह के परिवर्तन भी होते हैं। जिसका प्रभाव पाचन तंत्र पर पड़ता है। ऐसे में छठ पर्व के दौरान 36 घंटों का उपवास पाचन तंत्र को बेहतर बना देता है। 










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