Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल फिर नए संकट में घिरे, जानिए नया मामला
छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल मुश्किलों में घिरते जा रहे हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

नई दिल्ली: छतीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस महासचिव भूपेश बघेल मुश्किलों में घिरते जा रहे हैं। आज बुधवार को उनके घर पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने छापेमारी की है। यह छापेमारी उनके भिलाई और रायपुर स्थित आवास पर की गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि यह छापेमारी महादेव सट्टा एप के मामले में की गई है।
जानकारी के मुताबिक IPS अभिषेक पल्लव समेत अन्य कई पुलिस अधिकारियों के घर भी जाँच एजेंसी ने दस्तक दी है। भूपेश बघेल ने बताया है कि उन्हें बुधवार को दिल्ली में पार्टी की बैठक के लिए जाना था।
बता दें कि इससे पहले भी 10 मार्च, 2025 को जाँच एजेंसी ED भूपेश बघेल के घर पहुँची थी। गौरतलब है कि महादेव सट्टा एप में भूपेश बघेल को पैसे पहुँचाए जाने का आरोप ED ने लगाया था। आरोप था कि ₹508 करोड़ महादेव सट्टा एप वालों ने भूपेश बघेल को पहुँचाए थे।
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ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल से जुड़े एक परिसर से कुछ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और दस्तावेज भी जब्त किए. ये मामला शराब घोटाले से जुड़ा था।
क्या है महादेव बेटिंग ऐप
दरअसल महादेव बेटिंग ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया ऐप है। इस पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम से लाइव गेम खेलते थे। ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों और चुनावों में अवैध सट्टेबाजी भी की जाती थी। अवैध सट्टे के नटवर्क के जरिए इस ऐप का जाल तेजी से फैला और सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खुले। इस ऐप से धोखाधड़ी के लिए एक पूरा खाका बनाया गया था।
दरअसल, महादेव बेटिंग ऐप कई ब्रांच से चलता था। हर ब्रांच को सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल फ्रेंचाइजी के रूप में बेचते थे। यूजर को सिर्फ शुरुआत में फायदा और बाद में नुकसान होता।
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फायदे का 80% हिस्सा दोनों अपने पास रखते थे। सट्टेबाजी ऐप रैकेट एक ऐसी मशीन की तरह काम करता है, जिसमें एल्गोरिदम यह तय करता है कि ऐप में अपना पैसा लगाने वाले केवल 30% ग्राहक ही जीतें।