चित्तौड़गढ़ किले में बदमाशों ने तोड़े पद्मावती महल के शीशे
चित्तौड़गढ़ के किले में स्थित पद्मावती महल में अराजक तत्वों ने उन शीशों को तोड़ दिया, जिनके बारे में कहा जाता है कि दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने इन्हीं आईनों के जरिये राजपूत रानी पद्मावती को देखा था।
जयपुर: चित्तौड़गढ़ के किले में स्थित पद्मावती महल में अराजक तत्वों ने उन शीशों को तोड़ दिया, जिनके बारे में कहा जाता है कि दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने इन्हीं आईनों के जरिये राजपूत रानी पद्मावती को देखा था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "कुछ अराजक तत्वों ने रविवार शाम को सभी तीन शीशों को तोड़ दिया। मामले की जांच जारी है।"
श्री राजपूत कर्णी सेना ने इनकी जिम्मेदारी ली है। इसी समूह ने 27 जनवरी को यहां फिल्मकार संजय लीला भंसाली पर हमला किया था, जो अपनी आगामी फिल्म 'पद्मावती' की शूटिंग कर रहे थे। उनका कहना था कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है।
श्री राजपूत कर्णी सेना के एक कार्यकर्ता ने कहा, "हमने इस बारे में 15 दिन पहले चेतावनी दी थी। हमारी मांग के बावजूद शीशे नहीं हटाए गए।"
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एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि चार से पांच बदमाश रविवार शाम 4.45 बजे महल में घुसे और उन्होंने शीशों को तोड़ा। इसके बाद वे महल से फरार हो गए।
कहा जाता है कि 13वीं सदी में खिलजी ने जब रानी पद्मावती को देखने की इच्छा जताई थी, तो इन्ही शीशों में रानी के प्रतिबिंब को दर्शाया गया था।
वहीं, कर्णी सेना का कहना है कि इस कथित घटना के कई साल बाद ये शीशे लगाए गए थे। (आईएएनएस)